मुंबई, 28 मई (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि उनकी सरकार स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की बैरिस्टर की डिग्री बहाल कराने के लिए ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ प्रयास करेगी। सावरकर की बैरिस्टर की डिग्री तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने रद्द कर दी थी।
फडणवीस ने हिंदुवादी विचारक सावरकर की 142वीं जयंती के एक दिन पहले विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में कहा, ‘‘मैंने मुंबई विश्वविद्यालय से सावरकर की बैरिस्टर की डिग्री को बहाल कराने के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने को कहा है, जिसे अंग्रेजों ने अन्यायपूर्ण तरीके से रद्द कर दिया था। हम इसे पूरा करने के लिए ब्रिटेन में संबंधित संस्थानों के साथ मिलकर काम करेंगे, मरणोपरांत भी।’’
लंदन में कानून की पढ़ाई के दौरान क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होने की बात सामने आने के बाद ब्रिटिश अधिकारियों ने सावरकर को बैरिस्टर की डिग्री देने से इनकार कर दिया था। बाद में उन्हें अंडमान में जेल में बंद कर दिया गया था।
फडणवीस ने 27 मई को मुंबई विश्वविद्यालय में स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर शोध एवं अध्ययन केंद्र का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘‘वीर सावरकर सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे, बल्कि एक आंदोलन थे। वह अपने आप में एक संस्था थे। एक प्रज्वलित आत्मा जो आज भी लोगों को प्रेरित करती है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अंग्रेज जितना उनके विचारों से डरते थे उतना ही उनके लेखन से भी डरते थे और उन्हें ‘सबसे खतरनाक क्रांतिकारी’ कहते थे।’’
शिवसेना सांसद संजय राउत ने सावरकर की डिग्री बहाल कराने के प्रयासों के बारे में फडणवीस की घोषणा का स्वागत किया, लेकिन कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी ‘‘असली डिग्री देश में वापस लाई जाए।’’
राउत ने कहा, ‘‘वीर सावरकर बैरिस्टर हैं भले ही उनकी डिग्री रोक दी गई हो।’’
उन्होंने सावरकर को भारत रत्न दिए जाने संबंधी अपनी पार्टी की मांग भी दोहराई।
राउत ने पूछा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार ने सावरकर को भारत रत्न देने की सिफारिश क्यों नहीं की? सरकार ने सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया?’’
भाषा शोभना सुरेश
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