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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशसुशांत मामले की CBI जांच में पूरा सहयोग करेगी महाराष्ट्र सरकार, बस हाल दाभोलकर हत्या जैसा न हो: पवार

सुशांत मामले की CBI जांच में पूरा सहयोग करेगी महाराष्ट्र सरकार, बस हाल दाभोलकर हत्या जैसा न हो: पवार

शरद पवार ने कहा, 'उम्मीद करता हूं कि जांच डॉ. नरेन्द्र दाभोलकर हत्या मामले की तरह ना की जाए... सीबीआई ने 2014 में इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी और यह अब भी पूरी नहीं हो पाई है.’

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मुम्बई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच में महाराष्ट्र सरकार पूरा सहयोग करेगी.

पवार ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि महा विकास अघाडी सरकारी उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करेगी. शीर्ष अदालत ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है.

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को उपनगर बांद्रा में उनके अपार्टमेंट में मृत मिले थे.

पवार ने साथ ही कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि अभिनेता की मौत के मामले की जांच अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता नरेन्द्र दाभोलकर हत्या मामले की तरह नहीं की जाएगी, जो अभी तक पूरी नहीं हुई है.

दाभोलकर की 20 अगस्त, 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

पवार ने ट्वीट किया, ‘ मुझे विश्वास है कि महाराष्ट्र सरकार सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करेगी और जांच में पूरा सहयोग देगी.’

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘ मैं उम्मीद करता हूं कि जांच डॉ. नरेन्द्र दाभोलकर हत्या मामले की तरह ना की जाए… सीबीआई ने 2014 में इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी और यह अब भी पूरी नहीं हो पाई है.’

राजपूत की मौत के बाद मुम्बई पुलिस ने मामले में जांच शुरू की थी और अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती सहित 56 लोगों के बयान दर्ज किए थे.

इसके बाद राजपूत के पिता के.के. सिंह की शिकायत के आधार पर बिहार पुलिस ने पटना में प्राथमिकी दर्ज की. सिंह ने चक्रवर्ती, उनके माता-पिता और भाई सहित कुछ अन्य लोगों पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था. बिहार सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध किया था.

उच्चतम न्यायालय ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के संबंध में पटना में दर्ज प्राथमिकी में जांच सीबीआई से कराने की बिहार सरकार की सिफारिश को बुधवार को सही ठहराया.

शीर्ष अदालत ने कहा कि बिहार सरकार इस मामले को जांच के लिये सीबीआई को सौंपने में सक्षम है.

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