मुंबई, 14 जून (भाषा) महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राज्य की महायुति सरकार पर किसानों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को तत्काल एवं व्यापक रूप से कृषि ऋण माफी की मांग की।
कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि तत्काल इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो मौजूदा कृषि संकट एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार के पास एक्सप्रेसवे जैसी बड़ी परियोजनाओं के लिए हमेशा पैसा रहता है, लेकिन जब किसानों की मदद की बात आती है तो खजाना खाली हो जाता है।
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के पूर्व अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, ‘‘किसान गरीब और परेशान हैं, उनकी मदद करने की बजाय भाजपा नेता उनके जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं।’’
पटोले ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या की दर देश में सबसे ज्यादा है। सरकार को निर्णायक कदम उठाना चाहिए और सभी किसानों के लिए पूर्ण ऋण माफी सुनिश्चित करके ऋण रिकॉर्ड को साफ करना चाहिए।’’
कांग्रेस नेता के अनुसार, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सुझाव दिया कि केवल ‘पात्र’ किसानों को ही राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह अपमान के अलावा कुछ नहीं है। किसान स्वाभाविक रूप से पात्र हैं और उन्हें जरूरत है। उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। ’’
पटोले ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों में बदलाव करने और किसानों को उचित राहत देने से इनकार करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘चुनावों के दौरान उन्होंने कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन अब वे पीछे हट रहे हैं और समितियों के पीछे छिप रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने बिना शर्त 70,000 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ कर दिए थे और राज्य में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ने भी यही किया है।
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य और पूर्व राज्य मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि सरकार को समितियां बनाने का नाटक बंद करना चाहिए और तुरंत व्यापक ऋण माफी की घोषणा करनी चाहिए।
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