मुंबई, तीन अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने एक शासनादेश (जीआर) जारी कर सभी विद्यालयों को पूर्व छात्र संघ (अलुमनाई एसोसिएशन) बनाने का निर्देश दिया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने एक अक्टूबर को जारी किये गये शासनादेश का जिक्र करते हुए कहा कि उनमें जिला परिषदों और नगर निगमों द्वारा संचालित विद्यालय, सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त निजी विद्यालय भी शामिल हैं।
शाासनादेश में कहा गया है, ‘‘पहली से 12वीं कक्षाओं तक के हर विद्यालय में एक पूर्व छात्र संघ होगा, जिसमें पूर्व विद्यार्थियों के साथ-साथ सलाहकार सदस्य जैसे प्रधानाचार्य, एक शिक्षक, एक अभिभावक प्रतिनिधि और शिक्षा विभाग के अधिकारी होंगे। पूर्व छात्र संघों से अपेक्षा की जाएगी कि वे अपने-अपने विद्यालयों के शैक्षणिक, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास में योगदान दें।’’
शासनादेश के अनुसार, पूर्व छात्र संघों की प्रमुख जिम्मेदारियों में पुस्तकालयों, प्रयोगशालाओं, स्वच्छता सुविधाओं और डिजिटल संसाधनों जैसे बुनियादी ढांचे के उन्नयन में सहायता करना, विशेषज्ञों के व्याख्यान, प्रतिस्पर्धा तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन सत्रों का आयोजन करना और खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों और डिजिटल साक्षरता में पहल का समर्थन करना शामिल होगा।
शासनादेश के मुताबिक, प्रत्येक पूर्व छात्र संघ को सालाना कम से कम दो बैठकें करनी होंगी, जो ऑनलाइन या ऑफलाइन आयोजित की जा सकती हैं। इसमें कहा गया है कि पूर्व छात्रों के पुनर्मिलन समारोह हर साल आयोजित किए जाने चाहिए। साथ ही शासनादेश में कहा गया है कि यह स्कूल के कार्यक्रमों या त्योहारों के आसपास हो सकता है, जिसकी कम से कम 15 दिन पहले सूचना देना जरूरी होगी।
शासनादेश में विद्यालयों को सलाह दी गयी है कि पारदर्शिता की खातिर वे पूर्व विद्यार्थी से नकद पैसे नहीं लेंगे और उन्हें पूर्व विद्यार्थी के मौद्रिक अनुदानों का लेखा-जोखा रखना होगा।
भाषा राजकुमार दिलीप
दिलीप
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