मुंबई, 28 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय को आश्वस्त किया कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर से उत्पन्न स्थिति नियंत्रण में है और अधिकारी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक की खंडपीठ को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और बीएमसी ने यह आश्वासन दिया। इस याचिका में महामारी से निपटने में राज्य के संसाधनों के उचित वितरण का आग्रह किया गया है।
सरकार की तरफ से पेश हुई वकील पूर्णिमा कंथारिया और बीएमसी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सखारे ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और अगर वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से भविष्य में कोई प्रभाव उत्पन्न होता है तो अधिकारी उससे निपटने के लिए तैयार हैं।
अदालत ने इन बयानों को स्वीकार करते हुए अपने आदेश में कहा, ‘‘राज्य सरकार तथा बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) का कहना है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और सरकार भविष्य में ओमीक्रोन स्वरूप से उत्पन्न किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।’’
मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार ओमीक्रोन स्वरूप उतना घातक नहीं है जितना वायरस का डेल्टा स्वरूप है लेकिन यह तेजी से फैल रहा है।
सखारे ने अदालत से कहा कि मुंबई में इस महीने के पहले हफ्ते में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी हुई लेकिन अब संख्या में कमी आ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक अस्पतालों पर कोई दबाव नहीं है और पर्याप्त व्यवस्था है। ऑक्सीजन एवं दवाओं का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है।’’
अदालत ने इस मामले को अब अगली सुनवाई के लिए चार फरवरी को सूचीबद्ध किया है।
भाषा नीरज नीरज अनूप
अनूप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.