बुलढाणा (महाराष्ट्र) 20 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में राजनीतिक दलों एवं कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार से परिवार नियोजन परामर्श किट से कुछ ‘ अटपटी’ चीजें हटाने की अपील की है और कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के लिए जागरूकता अभियान के दौरान इन चीजों का प्रदर्शन करना अटपटा हो जाता है।
एक राजनीतिक संगठन के नेता ने कहा कि किट में विभिन्न चीजों में पुरूष एवं महिला के जननांग के रबड़ वाले नमूने होते हैं जिन्हें जागरूकता अभियान के दौरान प्रत्यायित सामाजिक स्वास्थ्य कायकर्ता (आशा) कर्मियों के लिए ले जाना एवं प्रदर्शित करना बड़ी असहज स्थिति होती है, इसलिए वे चाहते हैं कि उन्हें किट से हटा दिया जाए।
हालांकि जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान किट परिवार नियोजन एवं यौन स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने में असरकारी हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में बुलढाणा एवं अन्य जिलों में जन्म नियंत्रण, जनसंख्या नियंत्रण, यौन स्वच्छता को बनाये रखने तथा एड्स जैसे बीमारियों के रोकथाम के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए परिवार नियोजन परामर्श किट वितरित किया है। हर किट में पुरूष एवं महिला के जनानांगों के रबड़ के नमूने , दवाइयां एवं अन्य चीजें होती हैं।
स्वभिमानी शेतकारी संगठन के विदर्भ प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत डिक्कार ने कहा कि किट में जनानांगों को शामिल करना उपयुक्त नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कैसे आशाकर्मी उसके बारे में बतायेंगी? यह उनके लिए असहज स्थिति है। यह बिल्कुल उपयोगी नहीं है। सरकार के पास दिमाग है या नहीं।’’
बुलढाणा की सामाजिक कार्यकर्ता तब्बुसम बेगम ने दावा किया कि कुछ आशाकर्मी उनके पास आयी थीं और कह रही थीं कि गांवों में परामर्श सत्र के दौरान उन्हें जनानांगों के नमूने दिखाने में शर्म आती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कार्यक्रम बहुत अच्छा है लेकिन मैं महसूस करती हूं कि सरकार को इस पहलू पर ध्यान देना चाहिए एवं जनानांग नमूने को किट से हटा देना चाहिए।’’
भाजपा नेता चित्रा वाग ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया एवं कहा कि सरकार का दिमाग खराब हो गया है।
भाषा
राजकुमार नरेश
नरेश
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