मुंबई, नौ फरवरी (भाषा) एक अहम फैसले में, महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने बुधवार को नगर निकाय के लिए एक प्रशासक की नियुक्ति के लिए मुंबई नगर निगम अधिनियम 1888 में संशोधन करने को मंजूरी दे दी।
एक अधिकारी ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने यह राय व्यक्त की थी कि बृहन्मुंबई महानगर पालिका के आगामी चुनाव (निर्धारित समय में) कोविड-19 महामारी सहित विभिन्न कारणों से नहीं हो सकते हैं। इसके बाद संशोधन आवश्यक हो गया है।
अधिकारी ने कहा कि बीएमसी के मौजूदा प्रशासक का कार्यकाल सात मार्च को खत्म हो रहा है।
बीएमसी का पिछला चुनाव 21 फरवरी 2017 को हुआ था जिसमें 227 सदस्यीय निकाय में सत्ताधारी शिवसेना ने 84 सीटें हासिल की थीं जबकि भाजपा के पास 82 सीटें आई थीं।
अधिकारी ने कहा, “चूंकि मुंबई नगर निगम अधिनियम 1888 में नागरिक निकाय के लिए प्रशासक नियुक्त करने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए राज्य को प्रशासक नियुक्त करने में सक्षम बनाने के लिए इसे संशोधित करने का निर्णय लिया गया है।”
यह प्रस्ताव राज्य शहरी विकास विभाग द्वारा तैयार किया गया था।
शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) और राज्य के अन्य नगर निगमों के लिए अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उनके सहयोगी मंत्री शामिल थे।
अधिकारी ने कहा, “एसईसी ने कोविड-19 की स्थिति, वार्डों के पुनर्गठन जैसे कारणों का हवाला दिया है क्योंकि नगरसेवकों की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्तमान प्रशासन का कार्यकाल सात मार्च को समाप्त हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि संशोधन के बाद प्रशासक की नियुक्ति उस तारीख तक प्रभावी होगी जब नवनिर्वाचित बृहन्मुंबई महानगर पालिका की पहली बैठक होगी।
इसके अलावा राज्य मंत्रिमंडल ने लोगों के साथ संवाद को मजबूत करने के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय में ‘महिति (सूचना) भवन’ बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
एक अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना को सामान्य प्रशासन (विभाग) और सामान्य सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि मंत्रिमंडल ने ठक्कर बप्पा आदिवासी विकास योजना को लागू करने का भी फैसला किया है।
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प्रशांत नरेश
नरेश
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