मुंबई, दो जून (भाषा) महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने सोमवार को विशेष खुफिया सूचना के आधार पर ठाणे जिले में प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के कुछ पूर्व पदाधिकारियों और सदस्यों के घरों सहित कई स्थानों पर छापेमारी की। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
एक अधिकारी ने बताया कि छापेमारी की इस कार्रवाई के दौरान 12 लोगों को हिरासत में लिया गया और बाद में विस्तृत पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। उन्होंने बताया कि जांच आगे बढ़ने पर उन्हें और अन्य लोगों को बाद में बुलाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि छापेमारी के बाद भारतीय न्याय संहिता और शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत दो मामले दर्ज किए गए। उन्होंने बताया कि छापेमारी में मोबाइल हैंडसेट, तलवार, चाकू, संपत्ति के दस्तावेज, आतंकवादी गतिविधियों और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री के साथ-साथ आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।
अधिकारी ने बताया कि एटीएस की मुंबई इकाई ने ठाणे ग्रामीण पुलिस की सहायता से मुंबई से सटे जिले के पडघा और बोरीवली गांव में सुबह करीब चार बजे छापेमारी शुरू की। उन्होंने बताया कि दोनों गांवों में बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई थी और ठाणे ग्रामीण पुलिस रविवार रात को ही पडघा में जमा हो गई थी।
एटीएस ने एक बयान में कहा कि पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर, उन राष्ट्र-विरोधी तत्वों के खिलाफ एहतियाती कदम उठाने की आवश्यकता थी जो आतंकवादी गतिविधियों के लिए साजोसामान की सहायता प्रदान कर सकते हैं।
इसमें कहा गया है कि चूंकि पहले भी ठाणे जिले के पडघा में बोरीवली से विभिन्न आतंकवादी मॉड्यूल में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया गया था, इसलिए एटीएस ने वहां की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी थी।
बयान में कहा गया है कि एटीएस को विशिष्ट खुफिया जानकारी मिली थी कि प्रतिबंधित संगठन सिमी के पूर्व पदाधिकारी साकिब नाचन और उसके साथियों ने गांव के लोगों का ‘ब्रेनवॉश’ किया और उन्हें राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाया। इसमें कहा गया है कि ऐसी जानकारी थी कि नाचन के संगठन के सहयोगियों को सक्रिय किया गया है और आशंका है कि वे आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं।
अधिकारी ने बताया कि तदनुसार, एटीएस ठाणे इकाई ने पडघा गांव में संदिग्धों के आवासों पर छापेमारी के लिए अदालत से वारंट प्राप्त किया था।
उन्होंने बताया कि एटीएस कर्मियों ने प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के पूर्व पदाधिकारियों और सदस्यों के लगभग दो दर्जन घरों और परिसरों पर छापेमारी की। उन्होंने बताया कि इनमें साकिब नाचन, आकिब साकिब नाचन, अब्दुल लतीफ कासकर, कैफ नाचन और शाजिल नाचन के घर एवं परिसर शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि जमीन डीलर और सिमी का पूर्व सदस्य फराक जुबैर मुल्ला (60) भी उन व्यक्तियों में शामिल है जिनके घरों पर छापेमारी की गई।
पता चला कि वह हज पर सऊदी अरब गया था। उसका बड़ा भाई हसीब जुबैर मुल्ला 2002 और 2003 के मुंबई ट्रेन बम विस्फोट मामलों में आरोपी है।
अधिकारी ने बताया कि हसीब ने 10 साल की सजा काट ली है और 9 दिसंबर 2023 से वह आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में साकिब नाचन के साथ दिल्ली की एक जेल में बंद है।
अधिकारी ने बताया कि अब्दुल लतीफ कासकर (27) एक गोदाम में काम करता है और उसके घर पर भी छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि वह फरहान सुसे का करीबी दोस्त है, जिसे दिल्ली में एक आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में लिया था।
अधिकारी ने बताया कि छापेमारी के दौरान छह व्यक्ति अपने घरों पर नहीं मिले।
अधिकारी ने बताया, ‘‘जिन 12 लोगों को हिरासत में लिया गया था और विस्तृत पूछताछ के लिए पडघा पुलिस थाने लाया गया था, उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। हालांकि, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, हम जरूरत पड़ने पर इन 12 लोगों सहित और लोगों को पूछताछ के लिए बुलाएंगे।’’
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 2023 में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ देशभर में की गई कार्रवाई के तहत पडघा में छापेमारी की थी और साकिब नाचन सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया था।
भाषा अमित अविनाश
अविनाश
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