scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमदेशदेवेंद्र फडणवीस का नागपुर के युवा पार्षद से महाराष्ट्र के सबसे ताकतवर नेता तक का सफर

देवेंद्र फडणवीस का नागपुर के युवा पार्षद से महाराष्ट्र के सबसे ताकतवर नेता तक का सफर

फडणवीस ने खुद ही एक रिकॉर्ड बनाया है जिसमें वह दूसरे सीएम हैं जिसने अपना कार्यकाल पूरा किया है. इससे पहले वसंतराव नायक ने अपना कार्यकाल पूरा किया था.

Text Size:

मुंबई : भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र में दूसरी बार सरकार बनाने की ओर अग्रसर दिख रही है. राज्य में दोपहर तक के रुझानों के अनुसार भाजपा 104 सीटों पर आगे चल रही है. वह 2014 के अपने 122 सीटों के रिकॉर्ड से काफी पीछे है. उसे राज्य में सरकार चलाने के लिए अपने सहयोगी शिवसेना पर निर्भर रहना पड़ेगा.

जहां एक तरफ पार्टी राष्ट्रीय स्तर के नेता को चुनावी अभियान में इस्तेमाल कर रही है, वहीं देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा चुनावों की कमान अपने कंधों पर उठाई है. वह 5 साल पहले ही विधायक बने हैं. उससे पहले वो राजनीति और प्रशासनिक तौर पर काम कर चुके हैं.

इस चुनाव में फडणवीस का होना

विपक्षी पार्टियां लोकसभा चुनावों में हारने के बाद जहां एकजुट होने की अभी तक कोशिश कर रही हैं, वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस 1 अगस्त से ही राज्य में चुनावी यात्रा करना शुरू कर चुके थे. उनकी इस यात्रा के दौरान राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 150 सीटों को कवर किया गया. इस यात्रा का नाम महाजनादेश यात्रा था जो 4,384 किलोमीटर लंबी थी.

इस यात्रा और चुनाव की घोषणा के बाद फडणवीस ने 65 चुनावी सभाओं को संबोधित किया है.

देवेंद्र फडणवीस के नजदीकी एक भाजपा नेता ने कहा, ‘महाजनादेश यात्रा ने राज्य में ऐसा माहौल बनाया कि चुनाव की घोषणा के बाद भी भाजपा को चुनाव अभियान चलाने की जरूरत नहीं है. हाल ही में पश्चिमी महाराष्ट्र में आए बाढ़ और राज्य के कृषि संकट के बाद भी लोगों का फडणवीस में काफी विश्वास है. इस चुनाव के साथ ही उनका कद न केवल राज्य में बल्कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में भी बढ़ जाएगा.’

भाजपा नेता ने कहा, ‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में फडणवीस के चुनावी चेहरा होने के साथ ही उनकी टीम में केतन पाठक और निधि कामदार भी अहम भूमिका निभा रहे हैं.’


यह भी पढ़ें : एग्ज़िट पोल: महाराष्ट्र, हरियाणा में भाजपा लहर कायम, कांग्रेस और क्षेत्रीय दल नहीं बचा सकेंगे जमीन  


भाजपा सूत्र के अनुसार रेडियो, टीवी, होर्डिंग्स के अलावा मुख्यमंत्री फडणवीस की हर फैसले में भूमिका रही है. उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, भाजपा नेता भूपेंद्र यादव और संगठन सचिव विजय पुराणिक महाराष्ट्र सीएम की मदद कर रहे हैं.’

उम्मीदवारों के चयन में भी फडणवीस की महत्वपूर्ण भूमिका थी

पार्टी ने वरिष्ठ भाजपा नेता विनोद तावड़े, एकनाथ खडसे, प्रकाश मेहता, चंद्रशेखर और राज पुरोहित को चुनाव से दूर रखा है. इन नेताओं से फडणवीस की तनातनी है. तावडे और खडसे मुख्यमंत्री पद के दावेदर थे. 2016 के बाद से ही खडसे को साइडलाइन कर दिया गया है. पिछली कैबिनेट के फेरबदल में फडणवीस ने कई बड़े नेताओं को बाहर किया था.

शिवसेना के साथ गठबंधन के लिए भी फडणवीस की प्रशंसा करनी चाहिए. इससे पहले भी लोकसभा चुनावों में और वर्तमान विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारा दोनों पार्टियों के बीच सफलतापूर्वक हो गया था. पहली बार शिवसेना ने भाजपा से कम सीटों पर बात मान ली है.

मुख्यमंत्री के तौर पर फडणवीस

फडणवीस के मुख्यमंत्री का कार्यकाल कई चुनौतियों से भरा रहा है. मराठा आंदोलन और अपने सहयोगी शिवसेना के साथ मतभेद ऐसे कुछ मामले हैं. सीएम ने कई बारे यह सुनिश्चित भी किया है कि उन्होंने हर बार हवा को अपनी तरफ मोड़ लिया था.

नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के लिए मराठा आंदोलन और भीमा कोरेगांव हिंसा और फडणवीस की ब्राह्मण पहचान के साथ जाति वर्तमान महाराष्ट्र प्रशासन के लिए एक चमक के रूप में उभरी और उन्हें राजनीतिक रूप से अलग करने की धमकी दी. शिवसेना के मनोहर जोशी, जो 1995 और 1999 के बीच मुख्यमंत्री थे, के बाद महाराष्ट्र में शीर्ष पद पर काबिज होने वाले फडणवीस दूसरे ब्राह्मण हैं.

इन मुद्दों ने भाजपा को चुनावों में प्रभावित नहीं किया है. पार्टी भयानक रूप से महाराष्ट्र में अपना विस्तार कर रही है. निगम चुनावों से लेकर जिला परिषद के चुनावों में भाजपा ने जीत हासिल की है. इन सभी चुनावों में फडणवीस भाजपा के मुख्य चेहरा थे. महाराष्ट्र में हुईं रैलियों में भी उनकी अहम भूमिका थी.

भाजपा नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि पिछले पांच सालों में उन्होंने अपनी राजनीतिक क्षमता बखूबी दिखाई है. उन्होंने मराठा आंदोलन को भाजपा के पक्ष में ला दिया और साथ ही शिवसेना के साथ रह कर भी भाजपा को राज्य में विस्तार देने के लिए लगातार काम करती रही.

पांच वर्षों में, बीजेपी और फडणवीस की टीम ने एक सीएम के रूप में लगातार अपनी छवि बनाई, जो महाराष्ट्र के विकास के लिए सक्षम है.


यह भी पढ़ें : भाजपा महाराष्ट्र और हरियाणा में जीत की राह पर है, पर मोदी के मतदाताओं की सोच में बदलाव आया है


फडणवीस ने खुद ही एक रिकॉर्ड बनाया है जिसमें वह दूसरे सीएम हैं जो अपना कार्यकाल पूरा किया है. इससे पहले वसंतराव नायक ने अपना कार्यकाल पूरा किया था. नायक की ही तरह फडणवीस भी दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए चुनावी मैदान में हैं.

राजनीतिक स्थितियों ने कैसे फडणवीस का विकास किया

नागपुर के एक युवा पार्षद से लेकर राज्य के सबसे ताकतवर नेता के तौर पर फडणवीस का राजनीतिक विकास अद्भुत है. कुछ राजनीतिक घटनाओं ने इसमें काफी मदद की है.

महाराष्ट्र भाजपा के दो बड़े नेताओं गोपीनाथ मुंडे और नितिन गडकरी के धड़े में विवाद के बीच उनका उदय हुआ.

फडणवीस का 2013 में राज्य के अध्यक्ष बनने के पीछे उनका किसी भी कैंप से संबंध न होना था. गडकरी गुट ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की कि मुंडे, पहले से ही एक शक्तिशाली नेता हैं जिनके कार्यकाल में भाजपा महाराष्ट्र में ताकत इकट्ठा करती है. जो खुद राज्य इकाई के अध्यक्ष न बनते हुए दूसरे कार्यकाल के लिए सुधीर मुनगंटीवार का समर्थन कर रहे थे.

दूसरी ओर, मुंडे ने फडणवीस और केंद्रीय भाजपा नेतृत्व का समर्थन किया और अंततः उन्हें एक सर्वसम्मत उम्मीदवार के रूप में चुना गया जो विनम्र और मिलनसार थे.

स्थिति के अनुसार, 2014 में मुंडे की मृत्यु और पीएम नरेंद्र मोदी के उदय ने भी पार्टी में फडणवीस के विकास को तेज कर दिया, क्योंकि उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपने काम के दौरान मोदी-शाह शासन का विश्वास जीता था.

मोदी की पसंद

राजनीतिक विश्लेषक हेमंत देसाई ने कहा, ‘2014 के विधानसभा चुनाव से पहले मोदी राज्य में एक नए चेहरे की तलाश कर रहे थे. इसके लिए फडणवीस जो कि विदर्भ से आते हैं और ब्राह्मण परिवार से भी हैं उपयुक्त थे.’


यह भी पढ़ें : 36 सालों तक चोर-पुलिस का खेल खेलने के बाद मुंबई के ‘डर्टी हैरी’ शुरू करेंगे शिवसेना से राजनीतिक पारी


सीएम के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांचे में एक प्रशासक की काट होने की छवि विकसित की.

महाराष्ट्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘सीएम प्रधानमंत्री के कान हैं. इसने राज्य सरकार को केंद्र में कई परियोजनाओं और प्रस्तावों को तेजी से प्राप्त करने में मदद की है, चाहे वह सूखा राहत या प्रमुख बुनियादी ढांचे के कार्यों के लिए सहायता हो.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments