औरंगाबाद (महाराष्ट्र), नौ फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र के बीड शहर में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम छात्राओं के लिए हिजाब के समर्थन में बैनर लगाए और कहा कि भारतीय संविधान नागरिकों को उनकी धार्मिक संस्कृति का पालन करने का अधिकार देता है।
बीड के बशीरगंज और करंजा इलाकों में सोमवार को ‘पहले हिजाब फिर किताब’ का संदेश देने वाले बैनर सोमवार को लगाए गए और मंगलवार को हटा दिए गए।
इस बीच, पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य इम्तियाज जलील ने गैर-मुस्लिम महिलाओं से इस मुहिम के प्रति एकजुटता दिखाने के लिये विरोध स्वरूप ‘हिजाब’ पहनने की अपील की।
बीड शहर थाने के निरीक्षक रवि सनप ने बुधवार को पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘बीड में स्थिति शांतिपूर्ण है। हमने उन्हें (कार्यकर्ताओं को) बताया कि उन्होंने बिना अनुमति के बैनर लगाए है। वे मान गए और बैनर हटा दिए गए।’’
बीड में एआईएमआईएम की छात्र इकाई के सदस्य लुकमान फारूकी ने कहा कि भारतीय संविधान प्रत्येक व्यक्ति को उसकी धार्मिक संस्कृति का पालन करने का अधिकार देता है और जो लोग हिजाब का विरोध करते हैं उन्हें संविधान पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने इस संदेश को पहुंचाने के लिए एक दिन के लिए बीड में हिजाब के समर्थन में बैनर लगाए थे।’’
औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जलील ने बुधवार को ट्विटर पर कहा, “(मैं) अपनी गैर-मुस्लिम बहनों से साथ आने और अपना विरोध दर्ज कराने के लिए हिजाब पहनने का अनुरोध करता हूं। यह उन तत्वों पर एक कड़ा तमाचा होगा जो चाहते हैं कि स्कूलों और कॉलेजों में दोस्तों के बीच विभाजन पैदा हो। विविधता में एकता भारत की सुंदरता है।”
भाषा
प्रशांत शोभना
शोभना
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