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Friday, 10 January, 2025
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महाकुंभ के लिए प्रयागराज पहुंचने लगे श्रद्धालु, मेला प्राधिकरण अंतिम तैयारी में जुटा

महाकुंभ के शुरू होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं, इसलिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण समयसीमा को पूरा करने के लिए अतिरिक्त श्रमिकों के साथ अतिरिक्त घंटे काम कर रहा है. कुछ क्षेत्रों में सड़कों और पानी की सुविधाओं पर काम अभी भी लंबित है.

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प्रयागराज: प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अस्थायी कार्यालय में, उप-विभागीय मजिस्ट्रेट संजीव कुमार ओझा के केबिन में साधुओं, दुकानदारों और रहने की जगह चाहने वाले लोगों की भीड़ लगी हुई है. ओझा, जो एक दिन के लिए मेला प्रभारी हैं, महाकुंभ के लिए शहर में इकट्ठा होने वाले लोगों की शिकायतों को दूर करने में सीधे तौर पर शामिल हैं.

लखनऊ से आए एक साधु को जवाब देते हुए एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करते हुए ओझा ने कहा, “मैं संबंधित अधिकारी को बुला रहा हूं. आपको अपने क्षेत्र में पानी मिलेगा.”

यह अस्थायी मेला प्राधिकरण कार्यालय प्रयागराज के नए मेला शिकायत प्रकोष्ठ के रूप में भी काम करता है, जिसमें जनता की शिकायतों का समाधान करने के लिए हर दिन एक अलग अधिकारी ड्यूटी पर रहेगा.

महाकुंभ शुरू होने में बस कुछ ही दिन बचे होने के कारण, प्रयागराज मेला प्राधिकरण यह सुनिश्चित करने के लिए समय के साथ दौड़ रहा है कि सब कुछ ठीक हो. हालांकि, कुछ सड़कों पर अभी भी चेकर प्लेट नहीं लगी हैं और कुछ क्षेत्रों में पानी की सुविधा स्थापित की जानी बाकी है.

अधिकारी समय सीमा को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं — भले ही इसके लिए अतिरिक्त घंटे काम करना पड़े और अतिरिक्त मजदूरों को काम पर रखना पड़े.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने तीन महीने में एक शहर बसाया है. यह कोई छोटी बात नहीं है.”

एक तरफ पुलिस साधुओं के जुलूसों को ऊंटों, हाथियों और पैदल उनके संबंधित अखाड़ों तक पहुंचा रही है. दूसरी तरफ मजदूर अथक परिश्रम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि स्थल समय पर तैयार हो जाए. कुछ लोग खाली दीवारों और टिन शेडों को महाकुंभ के पोस्टरों से ढक रहे हैं, तो कुछ लोग टेंट लगा रहे हैं.

मेला स्थल पर पहुंचते श्रद्धालु | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंट
मेला स्थल पर पहुंचते श्रद्धालु | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंट

एक अधिकारी ने बताया कि बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से 30,000 से ज़्यादा कर्मचारी तैनात किए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों वाले बैनरों के साथ विशाल अस्थायी प्रवेश द्वार लगाए गए हैं. मेला स्थल पर योगी और मोदी के कई कट-आउट देखे जा सकते हैं.

4,000 हेक्टेयर में फैले इस स्थल को सेवाओं की निर्बाध डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए चार ज़ोन और 32 सेक्टरों में विभाजित किया गया है.

1.5 लाख शौचालयों और 56 पुलिस स्टेशनों से लेकर 25,000 लोगों के रहने की जगह तक, कुंभ मेला अधिकारी इस आयोजन को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से व्यवस्थाओं को देख रहे हैं.

गुरुवार को सीएम योगी ने निरीक्षण के लिए विभिन्न अखाड़ों का दौरा किया. उन्होंने आयोजन में बुनियादी ढांचे के प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “गाड़ियों से स्नान करने के लिए आने वाले लोगों के लिए, हमने 500 से ज़्यादा शटल बसों और 300 से ज़्यादा इलेक्ट्रिक बसों की व्यवस्था की है.”

योगी सरकार के डिजिटल अभियान के अनुरूप मेला क्षेत्र में क्यूआर कोड लगाए गए हैं. श्रद्धालुओं से उनके फोन पर कुंभ ऐप डाउनलोड करने को कहा जा रहा है. पहली बार मेले में साइबर टीम तैनात की गई है.

महाकुंभ स्थल पर मज़दूर | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंट
महाकुंभ स्थल पर मज़दूर | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंट

इसके अलावा, 5,000 एकड़ ज़मीन पार्किंग के लिए निर्धारित की गई है, जिसमें करीब 6 लाख कारों को रखने की क्षमता है. हर सेक्टर में एक अस्पताल बनाया गया है, ताकि मेडिकल इमरजेंसी से तुरंत निपटा जा सके.

शौचालय को ब्लॉक में व्यवस्थित किया गया है, जिसमें एक ब्लॉक में दस शौचालय हैं, प्रत्येक की सुरक्षा के लिए एक नियुक्त केयरटेकर मौजूद है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने सात-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की है. यातायात पुलिस, जल पुलिस और दमकल गाड़ियां हाई अलर्ट पर हैं.”

प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों पर भगदड़ जैसी स्थिति को रोकने का बहुत दबाव है. भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगरानी के लिए ड्रोन तैनात किए जाएंगे.

एक अधिकारी का कहना है, “पिछले 15 दिनों में हम मुश्किल से सो पाए हैं और कुंभ के सफलतापूर्वक शुरू होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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