जयपुर: राज्य सरकार की औद्योगिक नीतियों, निर्यात प्रोत्साहन कार्यक्रमों एवं अभियानों की सफल क्रियान्विति से निर्यातकों और निर्यात को गति मिली है. राजस्थान से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 46 हजार 476 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ, जो कि वर्ष 2022-23 तक बढ़कर 77 हजार 771 करोड़ रुपए से अधिक पहुंच गया है. निर्यात में गत 6 वर्षों में 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक की बढ़ोतरी प्रदेश के भविष्य की सुखद तस्वीर है.
राज्य सरकार की ‘निर्यात प्रोत्साहन प्रक्रिया व दस्तावेजीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम योजना‘ का इसमें अहम योगदान रहा है. वर्ष 2012 में शुरू हुई इस योजना के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रमों में निर्यात क्षेत्र में करिअर बनाने की इच्छा रखने वाले उद्यमियों को निर्यात प्रक्रिया एवं दस्तावेजों तथा विश्व के बाजारों की जानकारी दी जाती हैै.
2 साल में 10 हजार को मिला प्रशिक्षण
राज्य सरकार की निर्यात से संबंधित योजनाओं के तहत गत दो वर्षों में 10 हजार से अधिक नए निर्यातकों को प्रशिक्षण दिया जाकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का निर्यातक बनाया गया है. वहीं, निर्यात प्रोत्साहन प्रक्रिया व दस्तावेजीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिवर्ष 500 उद्यमियों को प्रशिक्षण दिया जाता है. इन्हीं प्रशिक्षण कार्यक्रमों से राजस्थान से निर्यात का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है.
वित्तीय वर्ष – निर्यात राशि
2017-18 – 46476.92 करोड़ रुपए
2018-19 – 51178.41 करोड़ रुपए
2019-20 – 49946.10 करोड़ रुपए
2020-21 – 52764.31 करोड़ रुपए
2021-22 – 71999.72 करोड़ रुपए
2022-23 – 77771.37 करोड़ रुपए
5 साल बढ़ाई योजना की अवधि
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने योजना की महत्ता एवं उपलब्धियों को देखते हुए योजना की अवधि को 5 साल और बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. योजना की अवधि अब 31 मार्च, 2028 तक करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. उल्लेखनीय है कि इस योजना की अवधि 31 मार्च, 2023 को समाप्त हो चुकी है.
प्रशिक्षण में पूरी प्रक्रिया की जानकारी
योजना का संचालन राजस्थान निर्यात प्रोत्साहन परिषद् (REPC) के माध्यम से किया जा रहा है. जिससे युवा निर्यातकों को प्रशिक्षण और प्रोत्साहन मिलेगा और वे राज्य की औद्योगिक प्रगति में योगदान दे सकेंगे. नए निर्यातकों को शिपिंग के साथ ऑनलाइन निर्यात का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इनमें इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कोड़, लाइसेंस फॉर एक्सपोर्ट, जीएसटी, प्रोक्योरमेंट, कस्टम क्लीयरनेंस, पेमेंट प्रोसेस, लैटर ऑफ क्रेडिट, बैंकिंग डिलिंग और फॉलोअप तक का प्रशिक्षण दिया जाता है.
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