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शुक्रवार, 13 जून, 2025
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मध्यप्रदेश बनेगा सौर ऊर्जा हब, सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना से बदलेगी किसानों की तकदीर

एमडी अमनबीर सिंह बैंस ने बताया कि प्रत्येक 5 मेगावॉट की इकाई के लिए लगभग 20 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी. इससे 25 वर्षों तक सस्ती बिजली और स्थायी आय सुनिश्चित होगी.

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नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाने की दिशा में मध्यप्रदेश पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है. भोपाल में आयोजित ‘सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट’ में 350 से अधिक निवेशकों की भागीदारी से 20 हजार करोड़ रुपये के संभावित निवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य में प्रदेश शत-प्रतिशत योगदान देगा. महेश्वर का फ्लोटिंग एनर्जी पार्क, रीवा-नीमच के सोलर प्रोजेक्ट्स, और मोहासा बाबई में स्थापित की जा रही 22 इकाईयां प्रदेश को नवकरणीय ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाएंगी. वर्ष 2025 तक प्रदेश के सभी सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि सूर्य मित्र योजना में स्थानीय निवेशकों को भी जोड़ा जा रहा है जिससे रोजगार और सम्मानजनक आय के नए अवसर सृजित होंगे. आने वाले तीन वर्षों में 32 लाख सोलर पंप लगाए जाएंगे जिससे किसानों को सिंचाई के लिए दिन में बिजली उपलब्ध होगी. इससे जीवन-शैली में सुधार के साथ बिजली बिलों से भी राहत मिलेगी.

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने बताया कि राज्य सरकार ने 1900 सबस्टेशनों पर 100 प्रतिशत क्षमता से परियोजनाएं लागू करने का लक्ष्य रखा है. निवेशकों को प्रति मेगावॉट 1.5 करोड़ रुपये तक का केन्द्रीय अनुदान चुनने की स्वतंत्रता दी गई है. साथ ही कृषि अवसंरचना निधि के अंतर्गत 3 प्रतिशत ब्याज में 7 वर्षों की छूट भी दी जाएगी.

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम सिंह तोमर ने कहा कि ग्रीन एनर्जी पर जोर देने से पर्यावरण के साथ भावी पीढ़ियों को भी लाभ मिलेगा. अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव और नीरज मंडलोई ने कहा कि किसानों को दिन में अधिक सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने और ग्रिड स्थायित्व में सुधार के लिए योजना क्रियान्वित की जा रही है.

एमडी अमनबीर सिंह बैंस ने बताया कि प्रत्येक 5 मेगावॉट की इकाई के लिए लगभग 20 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी. इससे 25 वर्षों तक सस्ती बिजली और स्थायी आय सुनिश्चित होगी.


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