भोपाल, 13 मई (भाषा) ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ (पीटीआई) के वरिष्ठ संवाददाता अनिल दुबे का मंगलवार को यहां निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार थे। परिवार के एक सदस्य ने बताया कि दुबे (55) को मस्तिष्काघात हुआ और उसके बाद उन्हें कई बार दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनकी मौत हो गई।
दुबे वर्ष 2016 से भोपाल में पदस्थ थे और आखिरी दिन तक पत्रकार के रूप में सक्रिय रहे। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है।
पीटीआई से पहले वह ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ और ‘द हितवाद’ सहित कुछ अन्य अखबारों में भी अपनी सेवाएं दे चुके थे।
परिजनों के अनुसार बुधवार सुबह उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित प्रदेश के कई नेताओं ने दुबे के निधन पर शोक व्यक्त किया।
यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के वरिष्ठ संवाददाता अनिल दुबे जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। उन्होंने जनहित के मुद्दों पर पत्रकारिता के मूल्यों को सदैव प्राथमिकता दी। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बाबा महाकाल से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें व शोकाकुल परिवार को यह वज्रपात सहन करने का संबल और धैर्य प्रदान करें।’’
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट के जरिए अपनी संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘‘राजधानी भोपाल में पीटीआई के वरिष्ठ पत्रकार अनिल दुबे जी के असामयिक निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें और परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।’’
भारतीय जनता पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा, ‘‘भोपाल में कार्यरत प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के वरिष्ठ संवाददाता अनिल दुबे जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिजनों को इस वज्रपात को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।’’
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने दुबे के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताई।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पीटीआई के वरिष्ठ पत्रकार अनिल दुबे जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ! कलम के जरिए पत्रकारिता को प्रतिष्ठा दिलवाने वाले मेरे निजी मित्र का बिछोह, मेरी व्यक्तिगत क्षति है!परम् पिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान स्थान दें! शोकाकुल मित्रों एवं परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति भी प्रदान करें!’’
भाषा ब्रजेन्द्र जितेंद्र
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