नई दिल्ली: मध्य प्रदेश पुलिस ने लगभग 9,500 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया, जिन पर इस राज्य भर में कई अपराधों के तहत मामले दर्ज किये गए थे. दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार अकेले भोपाल में 1,000 से अधिक लोगों को शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि में चलाये गए पहले समन्वित अभियान में धर दबोचा गया.
एमपी पुलिस के सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार किये गए लोगों में 6,000 ऐसे अपराधी शामिल हैं, जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लंबित है. इसमें लगभग 100 फरार अपराधी, 200 ऐसे वांछित अपराधी जिनके नाम पर इनाम घोषित है, और 1,000 से अधिक अन्य अपराधी भी शामिल हैं.
सूत्रों के अनुसार, 17,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को इस राज्यव्यापी गश्त अभियान के लिए तैनात किया गया था और राज्य में कई स्थानों पर एक ही समय में छापेमारी की गई थी. उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के अतिरिक्त महानिदेशकों (एडीजी), उप महानिरीक्षकों (डीआईजी) और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) सहित लगभग 450 राजपत्रित स्तर के पुलिस अधिकारीगण भी जमीन पर कार्यरत पुलिसकर्मियों के साथ समन्वय कर रहे थे.
इन सूत्रों में से एक ने बताया, ‘गिरफ्तार किए गए सभी लोगों के खिलाफ मामले दर्ज हैं. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुधीर सक्सेना के निर्देश के तहत टीमों का गठन किया गया था और उन आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए निर्दिष्ट क्षेत्रों में इकाइयों को भेजा गया था, जिनके खिलाफ वारंट जारी था.’
इस सूत्र ने कहा, ‘हालांकि लंबित गिरफ्तारी वारंट को निष्पादित करने और फरार लोगों, हिस्ट्रीशीटरों (आपराधिक इतिहास वाले लोगों) और वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी करने के लिए नियमित रूप से काम किया जाता है, लेकिन यह पहली बार था जब इस पैमाने पर एक योजना को अंजाम दिया गया था और इसके परिणामस्वरूप इतनी गिरफ्तारियां हुईं.’
पुलिस सूत्रों ने कहा कि सिर्फ भोपाल में छह घंटे के भीतर 1,024 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसके लिए 1,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.
आधिकारिक तौर पर, एमपी पुलिस ने कहा है कि यह (अभियान) राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए डीजीपी के द्वारा दिए गए निर्देश के तहत किया गया था. एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘(इसमें) सभी जोनल एडीजी/आईजी, डीआईजी, एसपी, एसडीओपी, स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) और राज्य के भोपाल और इंदौर पुलिस कमिश्नरी के सभी अधिकारी/कर्मचारी शामिल थे.’
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है. ‘लापता अपराधियों की गिरफ्तारी, स्थायी वारंट एवं गिरफ्तारी वारंट के निष्पादन तथा एक जिले से दूसरे जिले में बाहर किये गये अपराधियों (तड़ीपार) लोगों की जांच सुनिश्चित कर (राज्य की) सुरक्षा तथा शांति एवं कानून व्यवस्था को बनाये रखने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया गया था.’
भोपाल में डीजीपी सक्सेना ने पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर के साथ रात 2 बजे हनुमानगंज थाने पहुंचकर कांबिंग पेट्रोलिंग का जायजा लिया और तड़के तीन बजे सभी जोनल इंस्पेक्टर जनरलों से बात कर उनके जिलों में कांबिंग पेट्रोलिंग की जानकारी ली.
पुलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया है, ‘कांबिंग पेट्रोलिंग के लिए सभी जिला मुख्यालयों पर अधिक से अधिक पुलिस बल एकत्रित कर उनकी व्यवस्थित रूप से ब्रीफिंग (मामले का विवरण दिया जाना) की गई थी, फिर अलग-अलग टीमों का गठन कर उन्हें इस कार्रवाई की जानकारी देकर कांबिंग पेट्रोलिंग के लिए भेजा गया.’
(अनुवाद: रामलाल खन्ना | संपादन: ऋषभ राज )
(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: एनवायरमेंटल क्लीयरेंस- NGT को राज्य प्राधिकरणों की कुशलता पर संदेह, केंद्र से जरूरी नियम बनाने को कहा