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Tuesday, 29 July, 2025
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मध्य प्रदेश: हिंसा के बाद चुनिंदा तोड़-फोड़ अभियान के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएगा मुस्लिम समुदाय

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भोपाल, 16 अप्रैल (भाषा) मध्य प्रदेश के खरगोन और कुछ अन्य स्थानों पर 10 अप्रैल को रामनवमी पर हुई हिंसा में शामिल आरोपियों के ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए चलाए जा रहे मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के तोड़-फोड़ अभियान के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है।

एक मौलवी ने कहा कि तोड़-फोड़ अभियान ने कई लोगों को बेघर कर दिया है। उन्होंने राज्य सरकार से पूछा कि आखिर कथित तौर पर दंगों में शामिल लोगों के परिवार के सदस्यों को क्यों दंडित किया जा रहा है? राज्य सरकार ने रामनवमी के जुलूस के दौरान पथराव और अन्य तरह की हिंसा में शामिल लोगों की कथित रूप से ‘‘अवैध’’ संपत्ति को तोड़ने-फोड़ने का अभियान शुरू किया है।

राज्य के कई मुस्लिम धार्मिक नेता पहले आरोप लगा चुके हैं कि हिंसा के बाद अधिकारियों द्वारा समुदाय के सदस्यों को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है और कुछ मामलों में बिना उचित प्रक्रिया के मकानों को तोड़ा-फोड़ा जा रहा है।

भोपाल शहर के काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने शनिवार को फोन पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैंने अपने समुदाय के अधिवक्ताओं से राज्य में चल रहे चयनात्मक तोड़-फोड़ अभियान के खिलाफ उच्च न्यायालय में जाने के लिए कहा है। हम निश्चित तौर पर इस एकतरफा अभियान के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करने जा रहे हैं।’’

खरगोन में अब तक मुसलमानों के कितने मकान तोड़े जा चुके हैं, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि कर्फ्यू हटने के बाद ही यह पता चल सकेगा। मौलवी ने कहा, ‘‘समाज कानून से चलता है। अपराध करने वाले को सजा मिलनी चाहिए, उसके परिवार को नहीं। अगर परिवार का एक सदस्य कुछ गलती करता है तो मकानों को क्यों तोड़ा जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि इस अभियान के कारण कई परिवार बेघर हो गए हैं।

इससे पहले बृहस्पतिवार को नदवी ने कहा था, ‘‘हमने भोपाल में (मस्जिदों में) सीसीटीवी कैमरे लगाना शुरू कर दिया है। मैंने मौलवियों से पूरे मध्य प्रदेश में ऐसा ही करने का अनुरोध किया है। सीसीटीवी कैमरे पत्थर फेंकने वालों पर नकेल कसेंगे।’’ नदवी ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से पता लग सकेगा कि ऐसी घटनाओं के दौरान पत्थर कहां से फेंके गए। उन्होंने यह भी कहा कि खरगोन में कथित तौर पर हिंसा में शामिल लोगों के ‘‘अवैध ढांचों’’ को गिराना पूरी तरह गलत है।

इस सप्ताह की शुरुआत में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चेतावनी दी थी कि उनकी सरकार दंगों में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को हीं बख्शेगी। उन्होंने खरगोन हिंसा में कथित रूप से शामिल लोगों से संबंधित ‘‘अवैध मकानों को गिराने’’ की कार्रवाई को भी उचित ठहराया।

रविवार 10 अप्रैल को खरगोन में रामनवमी के जुलूस पर पथराव के बाद आगजनी और हिंसा की घटनाएं हुई थी, जिसके बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया।

भाषा दिमो सुरभि

सुरभि

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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