भोपाल, 10 मई (भाषा) मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र ने ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना को संयुक्त रूप से शुरू करने के लिए शनिवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना को अधिकारियों ने दुनिया की सबसे बड़ी भूजल रिचार्ज योजना बताया है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यहां एक समारोह में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के सिंचाई मंत्री तुलसी सिलावट और उनके महाराष्ट्र के समकक्ष गिरीश महाजन भी मौजूद थे।
ताप्ती नदी (महाराष्ट्र में तापी के नाम से जानी जाती है) मध्यप्रदेश के बैतूल जिले से निकलती है और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों से होकर बहती है। इस परियोजना का उद्देश्य पीने के लिए नागपुर सहित उत्तर-पूर्वी महाराष्ट्र और सिंचाई के लिए दक्षिणी मध्यप्रदेश, खासकर छिंदवाड़ा जिले में पर्याप्त पानी पहुंचाना है।
अधिकारियों ने बताया कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना का कुल जल उपयोग 31.13 हजार मिलियन क्यूबिक (टीएमसी) फुट होगा, जिसमें से 11.76 टीएमसी मध्यप्रदेश और 19.36 टीएमसी महाराष्ट्र को आवंटित किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए मध्यप्रदेश में 3,362 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी, लेकिन किसी भी गांव को विस्थापित नहीं किया जाएगा, जिससे पुनर्वास पर होने वाले खर्च की बचत होगी। संयुक्त उद्यम से मध्यप्रदेश में 1,23,082 हेक्टेयर भूमि और महाराष्ट्र में 2,34,706 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी।
मध्यप्रदेश में इस परियोजना से बुरहानपुर और खंडवा जिलों की बुरहानपुर, नेपानगर, खकनार और खालवा तहसीलों को लाभ मिलेगा। परियोजना के हिस्से के रूप में, मध्यप्रदेश के खंडवा जिले की खालवा तहसील और महाराष्ट्र के अमरावती जिले में स्थित खारिया गुटीघाट बांध पर 8.31 टीएमसी जल संग्रहण क्षमता वाला एक ढलान वाला बांध बनाया जाएगा।
भाषा
दिमो, रवि कांत रवि कांत
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