भोपाल, छह मई (भाषा) मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल ने मंडला, डिंडोरी और बालाघाट जिलों में नक्सली गतिविधियों से निपटने के उद्देश्य से विशेष सहायता दस्ते के लिए 850 अस्थायी पदों के सृजन को मंगलवार को मंजूरी दे दी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि दस्ते के प्रत्येक सदस्य को 25 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ अपनी हालिया बैठक का जिक्र करते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि नक्सली लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
विजयवर्गीय ने इस बात पर जोर दिया कि मध्यप्रदेश में नक्सलवाद नहीं है लेकिन कहा कि मंडला, डिंडोरी और बालाघाट जिलों के आसपास नक्सलियों की गतिविधियों की सूचना सामने आई है।
उन्होंने कैबिनेट की बैठक में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘इसलिए मंत्रिमंडल ने एक साल के लिए 850 पद सृजित करने का फैसला लिया है। स्थानीय गांवों के लोग, जो सरकार के साथ सहयोग कर सकते हैं और नक्सली आंदोलनों की जानकारी प्रदान कर सकते हैं, उन्हें इन पदों के लिए चुना जाएगा।’
मंत्रिपरिषद ने 2024 पैरालंपिक खेलों में मध्यप्रदेश के पदक विजेताओं के लिए नकद पुरस्कार 50 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।
इससे पहले, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पैरालंपिक पदक विजेता रूबीना फ्रांसिस और कपिल परमार को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए एक-एक करोड़ रुपये के मानदेय की घोषणा की थी।
पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में, फ्रांसिस ने शूटिंग में कांस्य पदक हासिल किया था, जबकि परमार ने ब्लाइंड जूडो में कांस्य पदक जीता था।
भाषा ब्रजेन्द्र नोमान
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