भोपाल, सात अक्टूबर (भाषा) मध्यप्रदेश सरकार छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में ‘दूषित’ कफ सिरप पीने से गुर्दे (किडनी) में संक्रमण से पीड़ित बच्चों के इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के अनुसार छिंदवाड़ा के 14 बच्चों की मौत किडनी के संदिग्ध रूप से फेल होने के कारण हुई है, जो ‘विषाक्त’ कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से जुड़ी है।
एक अधिकारी ने बताया कि ‘दूषित’ कोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण हुए किडनी संक्रमण के लिए पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में नौ बच्चों का इलाज चल रहा है, जिनमें से सात छिंदवाड़ा और दो बैतूल के हैं।
अधिकारी ने बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि प्रशासन इन बच्चों के इलाज का पूरा खर्च वहन करे। उचित इलाज सुनिश्चित करने के लिए नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में कार्यपालक दंडाधिकारी और चिकित्सकों की एक संयुक्त टीम तैनात की गई है।
अधिकारी ने बताया कि बच्चों के इलाज की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए टीम प्रभावित परिवारों और अस्पतालों के साथ लगातार संपर्क में है।
मध्यप्रदेश सरकार ने छिंदवाड़ा में 14 बच्चों की मौत की जांच के बीच सोमवार को दो औषधि निरीक्षकों और खाद्य एवं औषधि प्रशासन के एक उप निदेशक को निलंबित कर दिया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य के औषधि नियंत्रक का भी तबादला कर दिया।
छिंदवाड़ा के डॉ. प्रवीण सोनी को लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जबकि कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, सरकार ने श्रीसन फार्मास्युटिकल, कांचीपुरम (तमिलनाडु) द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि दवा के नमूनों में अत्यधिक जहरीला पदार्थ पाया गया है।
भाषा
दिमो रवि कांत
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