भोपाल, नौ मार्च (भाषा) मध्य प्रदेश सरकार राज्य की वाणिज्यिक राजधानी इंदौर को ‘यातायात सिग्नल’ मुक्त शहर बनाने की योजना पर काम कर रही है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि यातायात प्रबंधन को अधिक ‘स्मार्ट’ और कुशल बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का भी उपयोग किया जा रहा है, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘नगरीय विकास एवं आवास विभाग इंदौर को सिग्नल रहित शहर बनाने की योजना पर काम कर रहा है। इसका उद्देश्य शहर में यातायात का निर्बाध संचालन है। योजना के तहत फ्लाईओवर, बाईलेन, अंडरपास और विवेकपूर्ण यातायात प्रबंधन प्रणाली जैसी पहलों को लागू किया जा रहा है। योजना के पूरा होने पर नागरिकों की यात्रा का समय कम होगा और यातायात सुगम होगा।’’
इसमें कहा गया कि सिग्नल रहित योजना से तेजी से बढ़ते शहरी यातायात को सुगम बनाने और यात्रा के समय को कम करने में मदद मिलेगी।
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘विभाग द्वारा प्रदेश के शहरी मार्गों पर 1,330 बसों का संचालन किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए पीएम ई-बस सेवा के तहत 552 ई-बसें खरीदने का प्रस्ताव केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय को भेजा गया है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और सागर के लिए बस डिपो बुनियादी ढांचा के अनुमानों को मंजूरी दे दी गई है।’’
इसमें बताया गया कि इसके साथ ही भोपाल, जबलपुर, उज्जैन और सागर के लिए चार्जिंग अवसंरचना के अनुमानों को मंजूरी दे दी गई है।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि भोपाल, इंदौर और जबलपुर में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा 217 ई-चार्जिंग अवसंरचना विकसित करने का कार्य किया जा रहा है।
भाषा
सिम्मी संतोष
संतोष
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