तिरुवनंतपुरम, 30 मई (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुक्रवार को पार्टी नेता एम. स्वराज को मलप्पुरम जिले की नीलांबुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) का उम्मीदवार घोषित किया।
यह उपचुनाव सत्तारूढ़ वाम और विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के लिए अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक अहम राजनीतिक परीक्षा माना जा रहा है।
पार्टी के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने यहां राज्य सचिवालय की बैठक के बाद प्रेस वार्ता में स्वराज की उम्मीदवारी की घोषणा की।
स्वराज ने 2016-2021 की अवधि के दौरान एर्नाकुलम जिले की थ्रिप्पुनिथुरा विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था।
वह माकपा के राज्य सचिवालय के सदस्य हैं और मूल रूप से मलप्पुरम जिले के नीलांबुर के रहने वाले हैं। वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के बाबू से पराजित हुए थे।
इससे पहले कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और दिग्गज नेता आर्यादन मोहम्मद के बेटे आर्यादन शौकत को नीलांबुर उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाने की घोषणा की।
यह उपचुनाव पी वी अनवर के इस्तीफे के बाद कराया जा रहा है।
अनवर दो बार एलडीएफ के समर्थन से इस सीट से विधायक चुने गए थे, लेकिन हाल ही में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के साथ मतभेद के चलते वाम मोर्चे से संबंध तोड़ दिए।
भाजपा के नेतृत्व वाले राजग ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
नीलांबुर उपचुनाव 19 जून को प्रस्तावित है।
स्वराज की उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए माकपा के राज्य सचिव गोविंदन ने कहा कि एलडीएफ नीलांबुर उपचुनाव में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि स्वराज को पार्टी का उम्मीदवार यह सोचकर चुना गया कि नीलांबुर उपचुनाव सबसे कठिन राजनीतिक मुकाबलों में से एक होगा।
गोविंदन ने कहा कि नीलांबुर राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है।
माकपा के राज्य सचिव गोविंदन ने भी अनवर की आलोचना की और उन्हें ‘एलडीएफ को धोखा देने वाला’ करार दिया। कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने में अनवर के सामने आने वाली चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि केरल अब उनकी दयनीय स्थिति देख रहा है।
स्वराज ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नीलांबुर ऐतिहासिक रूप से वाम समर्थक क्षेत्र रहा है।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि पार्टी की विचारधारा से हटकर बोलने वाले लोग भी मानते हैं कि केरल में शासन के लिए वामपंथी सबसे उपयुक्त हैं।
स्वराज ने विश्वास जताया कि आगामी चुनाव में राज्य में एलडीएफ सरकार के प्रति जनता की स्वीकृति परिलक्षित होगी।
उन्होंने कहा कि यह चुनाव धर्मनिरपेक्ष विचारधारा वाले व्यक्तियों के लिए वामपंथी सरकार की निरंतरता सुनिश्चित करने का एक अवसर होगा।
स्वराज ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा, ‘यह मुकाबला किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि वामपंथ विरोधी ताकतों के खिलाफ है।’
स्वराज की उम्मीदवारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शौकत ने कहा कि चुनाव का रोमांच वास्तव में तब शुरू होता है जब कोई प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार मैदान में उतरता है।
उन्होंने कोट्टायम में संवाददाताओं से कहा, ‘जब मैदान पर डिफेंडर मौजूद होता है तभी फॉरवर्ड खिलाड़ी को गोल करने का रोमांच महसूस होता है।’
भाषा
राखी मनीषा
मनीषा
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