नई दिल्ली: अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की बेटी, समा शब्बीर शाह और दिवंगत हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी की पोती, रुवा शाह ने कश्मीर के स्थानीय अख़बारों में खुद को “अलगाववादी विचारधारा” से अलग करते हुए एक जैसे नोटिस प्रकाशित किए हैं.
पिछले हफ्ते प्रकाशित नोटिस में अलगाववादी पितृसत्ताओं के परिवार की सदस्यों, दो महिलाओं ने यह भी दावा किया है कि वे भारत की वफादार नागरिक हैं और किसी भी ऐसे संगठन से संबद्ध नहीं हैं जो देश की संप्रभुता के खिलाफ है.
रुवा शाह ने अपने नोटिस में कहा, “मेरे दादा सैयद अली शाह गिलानी द्वारा संचालित हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से मेरा कोई संबंध या जुड़ाव नहीं है. संगठन की विचारधारा के प्रति मेरा कोई झुकाव या सहानुभूति नहीं है.”
उनके पिता, गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह की पिछले साल टेरर-फंडिंग मामले में जेल में मौत हो गई थी.
शाह ने कहा, “मैं भारत की एक वफादार नागरिक हूं और ऐसे किसी संगठन या संघ से संबद्ध नहीं हूं जिसका भारत संघ के खिलाफ एजेंडा है और मैं अपने देश (भारत) के संविधान के प्रति निष्ठा रखती हूं.”
संपर्क करने पर शाह ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वे मीडिया से बात नहीं करना चाहतीं.
एक अलग नोटिस में समा शब्बीर ने कहा, “मैं डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी से नहीं जुड़ी हूं और न ही मेरा कोई जुड़ाव है, न ही डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी की विचारधारा के प्रति मेरा कोई झुकाव है. मैं एतद द्वारा घोषणी करती हूं कि अगर कोई व्यक्ति उक्त पार्टी, डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के साथ मेरे नाम का उपयोग करता है, तो मैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगी.
उन्होंने कहा, “मैं भारत की एक वफादार नागरिक हूं और मैं किसी भी व्यक्ति या संगठन से संबद्ध नहीं हूं जो भारत संघ की संप्रभुता के खिलाफ है.”
टिप्पणी के लिए संपर्क करने पर समा शब्बीर के परिवार ने कहा कि वे यूके में हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए जाने के बाद शब्बीर अहमद शाह 2017 से जेल में हैं. बाद में एनआईए ने कथित आतंकी-फंडिंग मामले में शाह को भी हिरासत में ले लिया.
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