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Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशलगता है राजस्थान में ‘तालिबानी शासन’, हिन्दू समुदाय पर्व-त्योहार मनाने में भी हिचकता है: भाजपा

लगता है राजस्थान में ‘तालिबानी शासन’, हिन्दू समुदाय पर्व-त्योहार मनाने में भी हिचकता है: भाजपा

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नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि लगता है कि इस मरूधरा में कानून व व्यवस्था की जगह ‘‘तालिबानी शासन’’ ने ले ली है, जहां हिन्दू समुदाय पर्व और त्योहार मनाने में भी हिचकता है।

भाजपा की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और राज्य विधानसभा में विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि पिछले तीन वर्षों में राज्य में सात लाख के करीब प्राथमिकी दर्ज हुई हैं।

भाजपा नेताओं ने कहा कि इन प्राथमिकियों में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या (मॉब लिंचिंग) और सांप्रदायिक हिंसा के मामले हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक साल के भीतर महिलाओं से दुष्कर्म के 6,337 मामले सामने आए हैं।

राजस्थान के करौली में कुछ दिनों पहले हुई हिंसा की घटना का उल्लेख करते हुए राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘राजस्थान के अंदर आग लगी पड़ी है। हालात वहां हर दिन बुरे होते जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि राजस्थान की सरकार खुद सांप्रदायिकता बढ़ाने के लिए कदम बढ़ा रही है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा राजस्थान को जलता नहीं देख सकती।

गौरतलब है कि शनिवार को करौली में नवसंवत्सर के मौके पर एक समुदाय विशेष की बहुलता वाले क्षेत्र से निकाली गई मोटरसाइकिल रैली पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया था। इसके बाद वहां साम्प्रदायिक तनाव फैल गया और हालात नियंत्रण में करने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया। उपद्रव से जुड़ी इन घटनाओं में लगभग 35 लोग घायल हो गए थे। संवाददाता सम्मेलन के दौरान करौली की घटना से जुड़े कुछ वीडियो भी दिखाए गए।

पूनिया ने कहा, ‘‘राजस्थान में जिस तरह से तुष्टिकरण की राजनीति अशोक गहलोत कर रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि राजस्थान में तालिबानी शासन है।’’

गहलोत सरकार पर मानवाधिकारों पर चोट पहुंचाने का आरोप लगाते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि क्या हिंदू सिर्फ पिटने और मुकदमे झेलने के लिए ही हैं? क्या उनके मानवाधिकार नहीं हैं? उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के बावजूद अशोक गहलोत देश के प्रधानमंत्री से राजस्थान की हिंसा रोकने की बात करते हैं।’’

पूनिया ने दावा किया कि राजस्थान में शांति खत्म हो गई है और इसके लिए अशोक गहलोत और उनकी तुष्टिकरण की नीति दोषी है। उन्होंने कहा, ‘‘गहलोत ने खुद बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के नाम से पक्ष खड़े कर दिए हैं।’’

उल्लेखनीय है कि करौली की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद देश में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण का माहौल खड़ा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा था कि विकास के लिए सौहार्द और भाईचारे के माहौल का होना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश में शांति स्थापित करने की अपील करने के साथ ही यह कहना चाहिए कि हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

करौली शहर में आगजनी और हिंसा को लेकर भाजपा द्वारा राज्य सरकार पर निशाना साधे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अजमेर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जहां-कहीं भी हिंसा होती है, वहां निष्पक्ष जांच करके सख्त कार्रवाई होनी चाहिये।

उन्होंने उम्मीद जताई कि पुलिस अपना काम करेगी। पायलट ने यह भी कहा कि इस वारदात को अंजाम देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वे किसी भी पृष्ठभूमि के हों।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र अमित

अमित

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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