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बुधवार, 11 जून, 2025
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लंदन की स्वच्छ वायु से साहसिक वैश्विक कार्रवाई को प्रेरणा मिलेगी: महापौर सादिक खान

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(अपर्णा बोस)

नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) लंदन को 2030 तक ‘नेट जीरो’ बनाने के मिशन पर निकले महापौर सादिक खान ने वैश्विक नेताओं से वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए शहर के प्रयासों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया है और कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि इसकी स्वच्छ वायु पहल दुनिया भर में पर्यावरणीय चुनौतियों पर साहसिक कार्रवाई को प्रोत्साहित करेगी।

खान ने ‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा भेजे गए सवालों का जवाब देते हुए जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकारों, व्यवसायों और समुदायों के बीच साझा जिम्मेदारी के महत्व को रेखांकित किया।

लंदन ने 2018 में अपनी विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव के बाद जलवायु आपातकाल की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा कि शहर ने तब से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें एक बड़ा स्वच्छ वायु क्षेत्र स्थापित करना भी शामिल है।

खान ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “ मैं 2030 तक लंदन को ‘नेट जूरो’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं और हमने वहां पहुंचने में मदद करने के लिए कई जलवायु नीतियों और पहलों को लागू किया है। हालांकि, ‘नेट जीरो’ तक पहुंचने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है और यही कारण है कि मैं सरकार, स्थानीय परिषदों, व्यवसायों और लंदन के समुदायों के साथ मिलकर काम कर रहा हूं।”

‘नेट जीरो’ का मतलब कार्बन उत्सर्जन और कार्बन अवशोषण के बीच संतुलन बनाने से है।

खान ने कहा कि उन्हें यह भी उम्मीद है कि लंदन में प्राप्त परिणाम ब्रिटेन और दुनिया भर के नेताओं को अपने शहरों में पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में साहस दिखाने तथा अपने नागरिकों और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए मजबूत कदम उठाने के लिए प्रेरित करेंगे।

लंदन का लक्ष्य 2030 तक ‘नेट जीरो’ उत्सर्जन प्राप्त करना है, जबकि ब्रिटेन को 2050 तक ग्रीनहाउस उत्सर्जन को शून्य करने की उम्मीद है।

‘सिटी हॉल’ की 2021 की ‘एनर्जी मॉनिटरिंग रिपोर्ट’ के अनुसार, लंदन में जिन विकास परियोजनाओं को मंज़ूरी के लिए सिफारिश की गई, उन्होंने नए भवनों के लिए निर्धारित राष्ट्रीय कानूनी मानकों की तुलना में 46.2 फीसदी से अधिक कार्बन उत्सर्जन में कमी हासिल की।

साल 2018 में शुरू की गई महापौर ऊर्जा दक्षता निधि ने ‘नेट-जीरो’ परियोजनाओं के लिए 33 करोड़ पाउंड से अधिक धनराशि जुटाई है।

लंदन की नीतियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेखांकित किया गया है, जिसमें ‘सी40 सिटीज’ जैसे मंच भी शामिल हैं – जो जलवायु संकट से निपटने के लिए काम करने वाले महापौर का एक वैश्विक नेटवर्क है।

दिल्ली समेत भारतीय अधिकारी और शहरी योजनाकार भी सी40 समूह के सदस्य हैं और उन्होंने वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए शहरी रणनीतियों का आदान-प्रदान करने के वास्ते इन मंचों की बैठकों में भाग लिया है।

लंदन ने प्रदूषण कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और कुछ भारतीय शहर इन उदाहरणों से प्रेरणा ले रहे हैं।

पिंपरी चिंचवड़ और छत्रपति संभाजीनगर सहित महाराष्ट्र के कई शहर कम उत्सर्जन वाले क्षेत्र शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इस अवधारणा को लंदन में लागू किया गया है। दिल्ली सरकार ने उत्सर्जन में कटौती के लिए अपने व्यापक स्वच्छ परिवहन अभियान के तहत अपने इलेक्ट्रिक बस बेड़े का विस्तार किया है।

साल 2024 की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी है।

भाषा नोमान नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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