लखनऊ: सियासत में पुरानी कहावत है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर ही जाता है. इस बात का अंदाजा कांग्रेस को भी हो गया है. यही वजह है कि बुधवार को राहुल गांधी के लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरने के कुछ मिनट बाद ही कांग्रेस की ओर से दो बड़ी घोषणाएं कर दी गईं हैं. राजनीति में प्रियंका गांधी की आधिकारिक तौर पर एंट्री की घोषणा हो गई है. उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ईस्ट यूपी की कमान सौंपी गई है. वहीं मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी यूपी की जिम्मेदारी दी गई है.
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प्रियंका पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी होंगी जिसमें रायबरेली, अमेठी के अलावा वाराणसी, गोरखपुर लोकसभा सीट भी है. यूपी में पीएम मोदी व सीएम योगी को चुनौती देने की कांग्रेस ने पूरी प्लानिंग कर ली है. सूत्रों की मानें तो प्रियंका को पूर्वी यूपी की कमान सौंपने की तैयारी चल रही थी जिस पर बुधवार को मुहर लग गई. राहुल गांधी ने अमेठी में कहा कि प्रियंका गांधी को महासचिव कि जिम्मेदारी मिलने पर मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत खुशी हो रही है कि वो अब मेरे साथ काम करेंगी. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रियंका बहुत कर्मठ हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बहुत डायनामिक नेता हैं.
लखनऊ में तैयार हो रहा वॉर रूम
लखनऊ स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में दो नए ऑडिटोरियम तैयार हो रहे हैं जिसमें से एक कांग्रेस का वॉर रूम बनेगा वहीं दूसरा मीडिया सेंटर होगा. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस वॉर रूम से प्रियंका गांधी पूर्वी उत्तर प्रदेश की रणनीति तैयार करेंगी. इस वॉर रूम में कांग्रेस के दूसरे रणनीतिकार व सोशल मीडिया को-ऑर्डिनेटर्स भी बैठेंगे. जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इसका उद्घाटन करेंगे.
चुनाव भी लड़ सकती हैं प्रियंका
प्रियंका न सिर्फ पूर्वी यूपी की कमान संभालेंगी बल्कि रायबरेली से चुनाव भी लड़ सकती हैं. हाल ही सेहत ठीक न होने के कारण सोनिया गांधी कई बार रायबरेली दौरा निरस्त कर चुकी हैं. ऐसे में प्रियंका के रायबरेली से चुनाव लड़ने की संभावना है. हालांकि कई कार्यकर्ता उन्हें वाराणसी से विपक्ष की साझा उम्मीदवार के तौर पर भी देख रहे हैं लेकिन रायबरेली के कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि इस सीट पर गांधी परिवार का सदस्य ही लड़ेगा. ऐसे में प्रियंका के चुनाव लड़ने की अधिक संभावना है.
पूर्वी यूपी की कमान सौंपी जाने के मायने
प्रियंका को पूर्वी यूपी की कमान सौंपी जाने के मायने मोदी-योगी को चुनौती देना है. पीएम मोदी वाराणसी से सांसद हैं तो वहीं गोरखपुर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है. इसके अलावा यूपी के डिप्टी सीएम केपी मौर्य भी 2014 में फूलपुर से सांसद बने थे. इस लिहाज से प्रियंका को पूर्वी यूपी की अहम जिम्मेदारी दी गई है.
प्रियंका फरवरी के पहले सप्ताह में कार्यभार संभालेंगी
सूत्रों की मानें तो प्रियंका फरवरी के पहले सप्ताह में कार्यभार संभालेंगी. फरवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में लखनऊ से राहुल गांधी यूपी में चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे. यूपी में राहुल कुल 13 रैलियां कर सकते हैं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी प्रभार
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी कांग्रेस महासचिव बनाया गया है.उन्हें पश्चिमी यूपी की जिम्मेदारी दी गई है. पश्चिमी यूपी में कांग्रेस का संगठन कमजोर माना जाता है. वहीं सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन भी हो चुका है.ऐसे ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने चुनौती अधिक होगी.
As Priyanka Vadra Gandhi takes charge of Uttar Pradesh as AICC gen secy the politics of the Hindi heartland is about to change. With a new general in command each UP Congressman is battle ready. @INCIndia
— Jitin Prasada (@JitinPrasada) January 23, 2019
नेताओं व कार्यकर्ताओं में बढ़ा जोश
हाशिए पर पड़ा यूपी कांग्रेस संगठन प्रियंका के हाथों में कमान पहुंचते ही नए जोश से भर गया है. इस फैसले की खबर आते ही कार्यकर्ता काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. पार्टी कार्यालय में सभी एक दूसरे को बधाई देते दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि अब कांग्रेस लोकसभा चुनाव में लगभग सभी 80 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी.