तिरुवनंतपुरम, 27 जनवरी (भाषा) केरल में विपक्षी यूडीएफ के एक प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को यहां राजभवन में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की और राज्य लोकायुक्त अधिनियम में संशोधन संबंधी वाम मोर्चा (एलडीएफ) सरकार के प्रस्तावित अध्यादेश को मंजूरी नहीं देने का अनुरोध करते हुए एक ज्ञापन सौंपा।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन के नेतृत्व में वाम मोर्चा के नेताओं ने राज्यपाल को संशोधन संबंधी चिंताओं से अवगत कराया और इसके कानूनी पहलुओं का उल्लेख किया।
ज्ञापन में सतीशन ने आरोप लगाया कि संशोधन के संबंध में सरकार द्वारा दिये गये तर्क ‘झूठे, राजनीति से प्रेरित और देश के कानूनों के खिलाफ’ हैं।
यूडीएफ के ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘इस अध्यादेश में, कार्यपालिका पिछले 22 वर्ष से जारी एक विधान को खुलेआम असंवैधानिक करार देती है और प्रावधानों को बदलने के लिए अध्यादेश जारी करने का प्रस्ताव कर रही है। यह गैर-कानूनी है और संविधान के मूल अधिकारों के सिद्धांत के खिलाफ है।’’
ज्ञापन में कहा गया है कि विधानसभा का सत्र अगले महीने शुरू होने वाला है और पिछले 22 वर्ष से अधिक समय से मौजूद कानून में बदलाव के लिए कोई अनिवार्य तर्क नहीं दिख रहा है।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि केवल एक ही कारण नजर आ रहा है जो यह है कि राहत कोष में अनियमितता के मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ लोकायुक्त और विश्वविद्यालय से जुड़े मामले में उच्चतर शिक्षा मंत्री सुनवाई करने वाले हैं।
सतीशन के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी सहित रमेश चेन्निथला (दोनों कांग्रेस) तथा सी. पी. जॉन (सीएमपी), मोन्स जोसेफ (केरल कांग्रेस), देवराजन (फॉरवर्ड ब्लॉक) और अन्य नेता भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
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सुरेश सुभाष
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