नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) संसद के बजट सत्र का सोमवार से दूसरा चरण शुरू होने पर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राजनीतिक दलों से सदन में प्रश्नकाल का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
लोकसभा सूत्रों ने बताया कि बिरला ने सोमवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों से प्रश्नकाल सुचारू रूप से जारी रखने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि रेलवे, कृषि और जल शक्ति उन मंत्रालयों में शामिल हैं जिनकी मांगों पर सत्र के दौरान चर्चा की जाएगी। यह सत्र चार अप्रैल तक चलेगा।
प्रश्नकाल के दौरान आमतौर पर हंगामा देखने को मिलता है क्योंकि विपक्ष कई मुद्दे उठाने का प्रयास करता है।
संसद के बजट सत्र के इस चरण के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच ‘ईपीआईसी’ के मुद्दे पर टकराव होने की संभावना है। विपक्ष मतदाता सूची में कथित हेराफेरी, मणिपुर में हिंसा की ताजा घटना और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन से निपटने में भारत के रुख जैसे मुद्दों को उठाने की योजना बना रहा है।
सरकार का ध्यान अनुदान मांगों के लिए संसद की मंजूरी प्राप्त करने के साथ-साथ बजटीय प्रक्रिया को पूरा करने, मणिपुर बजट के लिए अनुमोदन प्राप्त करने और वक्फ संशोधन विधेयक को पारित करने पर रहेगा।
गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा के लिए संसद की मंजूरी लेने के वास्ते एक वैधानिक प्रस्ताव पेश कर सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को मणिपुर का बजट भी पेश करेंगी। एन. बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है।
विपक्ष ने कहा कि वह मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) क्रमांक के दोहराव के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाने में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वह अगले तीन महीनों में सुधारात्मक कदम उठाएगा।
भाषा
नोमान मनीषा
मनीषा
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