नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के लोकसभा सदस्य सुदामा प्रसाद ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (आईआरईएफ) को ‘कार्यालय के लिए स्थान’ और ‘अधिकारियों के साथ अनौपचारिक बैठक’ जैसी सुविधाएं प्रदान करने का आग्रह किया है।
आईआरईएफ कर्मचारी यूनियनों का एक गैर-मान्यता प्राप्त संगठन है।
रेल मंत्रालय ने हाल में एक गैर-मान्यता प्राप्त महासंघ, भारतीय रेलवे मजदूर संघ (बीआरएमएस) को इसी प्रकार की सुविधाएं देने की पेशकश की थी। इसके बाद इसी तरह के दर्जे वाले अन्य कर्मचारी संघों ने भी समानता के लिए मंत्रालय पर दबाव बनाया है।
प्रसाद ने 23 जनवरी 2025 को लिखे अपने पत्र में कहा, “मुझे भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (आईआरईएफ) से रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ के नाम लिखा एक पत्र मिला है (पत्र संलग्न है), जिसमें भारतीय रेलवे मजदूर संघ (बीआरएमएस) को दी गई सुविधाओं के समान रेलवे बोर्ड स्तर पर सुविधाएं प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।”
उन्होंने कहा, “मेरे संज्ञान में लाया गया है कि भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ ने हाल में गुप्त मतदान से हुए चुनाव में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है, जहां इसके घटक क्षेत्रीय संघों – पूर्वोत्तर रेलवे में पूर्वोत्तर रेलवे मेन्स कांग्रेस (एनईआरएमसी), पूर्व मध्य (ईसी) रेलवे में पूर्व मध्य कर्मचारी यूनियन (ईसीआरईयू), तथा रेल कोच फैक्टरी (आरसीएफ), कपूरथला में रेल कोच फैक्टरी कर्मचारी यूनियन को एकल यूनियन के रूप में मान्यता प्राप्त है।’
प्रसाद ने मांग की, ‘हाल के चुनावों में आईआरईएफ के प्रदर्शन और समानता के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए, आईआरईएफ को भी बीआरएमएस को दी गई सुविधाएं और मान्यता प्रदान की जानी चाहिए।’
भाषा नोमान रंजन
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