नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने ताज़ा जानकारी देते हुए कहा कि कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 19 राज्यों में पूरी तरह से लॉकडाउन किया गया है. अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ये व्यवस्था आंशिक तौर पर लागू है और कोरोना को फैलने से रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं. ये जानकारी भी दी गई कि देश में कोरोना पीड़ितों के इलाज और उनकी देखरेख में लगे लोगों के लिए क्लरोक्वीन पर्याप्त मात्रा में है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सह सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा को राज्यों को स्थिति को 24 घंटे सातों दिन मॉनिटर करने को कहा है. उन्होंने कहा, ‘पाबंदियों का सख़्ती से अमल करने का आदेश है क्योंकि ऐसा नहीं होने पर लॉकडाउन का कोई फ़ायदा नहीं है.’
मीडिया से बातचीत के दौरान ये जानकारी भी दी गई कि कोविड-19 के टेस्ट के लिए प्राइवेट लैबोरेटरी के इस्तेमाल करने के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं. तब से अब तक 12 लैबोरेटरी चेन ने काम करना शुरू कर दिया है. इन लैबों के 15,000 सेंटर देशभर में हैं.
कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की जा रही क्लोरोक्वीन दवा के स्टॉक से जुड़े एक सवाल के जवाब में भार्गव ने कहा कि क्लोरोक्वीन या तो उनके लिए है जो कोविड-19 के मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं या पीड़ितों के घर के रख-रखाव का काम कर रहे हैं. इस लिहाज़ से देश में इस दवा का पर्याप्त स्टॉक है.
आईसीएमआर प्रमुख बलराम भार्गव ने कहा कि टेस्टिंग कीट मैन्युफ़ैक्चरिंग को भी फ़ास्ट ट्रैक कर दिया गया है. ये भी कहा गया कि कोशिश ये है कि ज़रूरी चीजों की सप्लाई रुके नहीं. कोशिश ये भी है कि लोगों को सामान लेने दुकान न जाना पड़े, फ़ोन पर ऑर्डर लेकर उनके घर सामान पहुंचाने की योजना है.