नई दिल्ली: चौथे चरण के लॉकडाउन की घोषणा के तहत इसे 31 मई तक बढ़ा दिया गया है. गृह मंत्रालय द्वारा इससे जुड़ी गाइडलाइन में ये साफ़ किया गया है कि किसी तरह के विमान और मेट्रो सेवा चालू नहीं होगी. ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि घरेलू विमान सेवाओं का चालू किया जा सकता है.
यही नहीं गृहमंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अधिकार दिया गया है कि वह स्थानीय हालात के अनुसार विभिन्न जोन में अपनी जरूरत के हिसाब से गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगा सकते हैं. साथ ही राज्य सरकारों को सख्त निर्देश दिया गया है कि वह आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत जारी लॉकडाउन के दिशानिर्देशों को किसी भी तरीके से कमजोर न करें और न ही नजर अंदाज ही करें. कॉन्टेनमेंट ज़ोन में सिर्फ़ ज़रूरी सेवाओं की ही अनुमित होगी. ऐसे ज़ोन से लोगों को आने-जाने की अनुमति नहीं होगी.
निर्देश में ये साफ़ किया गया है, ‘देश की मेडिकल ज़रूरतों, देश में एयर एंबुलेंस और सुरक्षा के लिहाज़ से विमान सेवाएं जारी रहेंगी.’ गाइडलाइन में ये भी कहा गया है कि मेट्रो की सेवाएं भी बंद रहेंगी. अटकलें थीं कि मेट्रो सेवा को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के साथ शुरू की जा सकती है.
सभी तरह के शिक्षण और ट्रेनिंग संस्थान बंद रहेंगे. गाइडलाइन में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही गई है. सभी तरह के होटल, रेस्टोरेंट और हॉस्पिटलिटी सेवाएं बंद रहेंगी. इनका इस्तेमाल सिर्फ़ स्वास्थ्य-सुरक्षा कर्मियों और सरकारी अधिकारियों के अलावा फंसे हुए टूरिस्टों को शरण देने और क्वारेंटीन करने के लिए किया जाएगा.
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सभी सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिमनेज़ियम, स्विमिंग पूल, इंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल वगैरह बंद रहेंगे. खेल के स्टेडियम खुले होंगे लेकिन दर्शकों की अनुमति नहीं होगी. सभी तरह के सामाजिक, राजनीतिक, खेल से जुड़ी, मनोरंजन से जुड़ी, अकादमिक, सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियां बंद रहेंगी.
कॉन्टेनमेंट ज़ोन के अलावा बाकी इलाकों में कई गतिविधियों पर पाबंदी भरी अनुमति होगी. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की आपसी सहमति से बसों और पैसेंजर वाहनों का एक राज्य से दूसरे राज्य में सफर की अनुमति होगी.
कॉन्टेनमेंट, बफ़र, रेड, ग्रीन और ऑरेंज ज़ोन
राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा जारी पैरामिटर के मुताबिक तय करेंगे कि कौन सा इलाका कौन से ज़ोन में है. कॉन्टेनमेंट ज़ोन में सिर्फ़ ज़रूरी सेवाओं की ही अनुमित होगी. ऐसे ज़ोन से लोगों को आने-जाने की अनुमति नहीं होगी.
पहले की तरह ऐसे ज़ोन में ज़रूरी सेवाओं और मेडिकल सुविधा की अनुमति होगी. कॉन्टेनमेंट ज़ोन में पुरज़ोर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, हर घर की निगरानी और अन्य मेडिकल से जुड़े काम होंगे. इसके अलावा आम तौर पर शाम सात बजे से रात के सात बजे तक ज़रूरी सेवाओं के अलावा की मूवमेंट पर पांबदी रहेगी.
आरोग्य सेतु डाउनलोड करने पर जोर
इन बातों के साथ सरकार ने एक बार फिर से इसपर ज़ोर दिया है कि सबको आरोग्य सेतू एप डाउनलोड करना होगा. ख़ास तौर से उन्हें जो काम करने के लिए ऑफ़िस जा रहे हैं.
अपने पहले के निर्देश को दोहराते हुए गृह मंत्रालय ने कहा है, ‘स्वास्थ्यकर्मी, सफ़ाईकर्मी और एंबुलेंस को राज्य को एक राज्य से दूसरे राज्य में बिना रुकावट आने जाने देना होगा.’
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सभी तरह के सामान से भरे और खाली ट्रकों की आवाजाही के लिए भी ऐसे ही निर्देश दिए गए हैं.
राष्ट्रीय कोविड मैनेजमेंट डायरेक्टिव के तहत क्या करना होगा
- ऑफिस और सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना होगा.
- सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर फ़ाइन भरना होगा.
- सार्वाजनिक जगहों पर और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा.
- शादी में 50 से ज़्यादा लोगों के इक्ट्ठा होने की अनुमति नहीं होगी.
- शव यात्रा में 20 से अधिक लोगों के इक्ट्ठा होने की अनुमति नहीं होगी.
- सार्वजनिक स्थलों पर पान, गुटख़ा, तंबाकू और शराब के सेवन की अनुमित नहीं होगी.
- दुकानों को ग्रहाकों के बीच छह फुट यानी दो गज़ की दूरी सुनिश्चित करवानी होगी. एक बार में पांच से ज़्यादा ग्राहकों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
- जहां तक हो सके वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा देने की बात कही गई है.
- ऑफ़िस, व्यापार और फ़ैक्ट्रियों में काम को अलग अलग शिफ़्ट में बांटना होगा.
- आम रास्तों के प्रवेश और निकास पर थर्मल स्क्रीनिंग, हैंड वॉश और सैनिटाइज़र की व्यवस्था करनी होगी.
- कार्यस्थलों को लगातार सैनिटाइज़ करते रहना होगा.
इन सबके अलावा ऐसे रेस्टोरेंट्स को चलने की अनुमति होगी जो होम डिलवरी कर रहे हों. बस डिपो, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर भी रेस्टोरेंट और कैंटीन खुले रखने की अनुमति होगी.