मुंबई, 20 मई (भाषा) महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने इस महीने की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद स्थानीय निकाय चुनावों के संबंध में वार्ड गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि विभिन्न औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इस साल के अंत तक स्थानीय निकाय चुनाव हो सकते हैं।
उच्चतम न्यायालय ने छह मई को महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों का मार्ग प्रशस्त किया था और राज्य निर्वाचन आयोग को चार सप्ताह में इसे अधिसूचित करने का आदेश दिया था। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण मुद्दे के कारण महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव पांच साल से अधिक समय से रुके हुए थे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त दिनेश वाघमारे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वार्ड गठन की प्रक्रिया में करीब 70 दिन लगेंगे। इसके बाद आरक्षण होगा, जिसमें 15 दिन और लगेंगे। मतदाता सूची को अद्यतन करने की प्रक्रिया में 40 दिन और लगेंगे। स्थानीय निकाय चुनाव इस साल के अंत तक हो सकते है।’’
सभी 29 नगर निगमों, 248 नगर परिषदों, 42 नगर पंचायतों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और ये वर्तमान में प्रशासकों के अधीन हैं। 27 नगर निगमों का कार्यकाल 2020-2023 के बीच समाप्त हो गया। इचलकरंजी और जालना नव निर्मित नगर निगम हैं।
वाघमारे ने कहा, ‘‘चुनाव में कई कारणों से देरी हुई, जिनमें ओबीसी आरक्षण, वार्ड गठन, स्थानीय निकायों में सदस्यों की संख्या, सरकार द्वारा वार्ड गठन की शक्ति लेने से संबंधित याचिकाएं शामिल हैं।’’
उच्चतम न्यायालय ने छह मई को महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग को चार सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया था।
ओबीसी आरक्षण का विवादास्पद मुद्दा 2022 में बांठिया आयोग की रिपोर्ट आने से पहले की स्थिति में पूर्ववत रहेगा।
स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे की जांच के लिए मार्च 2022 में बांठिया आयोग का गठन किया गया था। इसने 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा के भीतर ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की।
वाघमारे ने मुंबई के बारे में बताया कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका के चुनाव मौजूदा 227 सीट के लिए होंगे, न कि 236 के लिए, जैसा कि पहले तय किया गया था।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नीति के अनुसार महायुति स्थानीय निकाय चुनाव मिलकर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर वे अलग-अलग चुनाव लड़ सकते हैं।
विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (एमवीए) में कांग्रेस ने स्थानीय पार्टी नेतृत्व पर फैसला छोड़ दिया है, जबकि शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वे स्थानीय निकाय चुनाव की रणनीति पर अपने कार्यकर्ताओं से बात कर रहे हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) (एसपी) नेता जयंत पाटिल ने भी अपनी पार्टी इकाई से स्थानीय चुनाव की तैयारी करने को कहा है।
पर्यवेक्षक इन चुनावों को ‘‘लघु विधानसभा’’ के रूप में देखते हैं।
भाषा सुरभि वैभव
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