नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को यहां लिवरपूल विश्वविद्यालय प्रशासन को संबंधित आशय पत्र सौंपते हुए घोषणा की कि ब्रिटेन का यह विश्वविद्यालय बेंगलुरु में अपना परिसर खोलने जा रहा है और अगले साल अगस्त में विद्यार्थियों के पहले बैच का स्वागत करेगा।
यह कदम ब्रिटेन के प्रतिष्ठित रसेल ग्रुप से जुड़े लिवरपूल विश्वविद्यालय को बेंगलुरू में पहला विदेशी विश्वविद्यालय परिसर खोलने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से औपचारिक मंजूरी मिलने के बाद उठाया गया है।
प्रधान ने यहां कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत में परिसर स्थापित करने के लिए ब्रिटेन के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक लिवरपूल विश्वविद्यालय को आशय पत्र सौंपते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। आज का घटनाक्रम भारत के अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक साझेदारी को गहरा करने की यात्रा में एक और मील का पत्थर है तथा वैश्विक उच्च शिक्षा में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत के उभरने की पुष्टि भी करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लिवरपूल विश्वविद्यालय भारत में अपना परिसर खोलने की सार्वजनिक घोषणा करने वाला चौथा विदेशी विश्वविद्यालय है। यह तो बस शुरुआत है। इस शैक्षणिक वर्ष तक 15 विदेशी विश्वविद्यालय भारत में खासकर एसटीईएम (विज्ञान , प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी और गणित) में आएंगे। मुझे विश्वास है कि बेंगलुरू में लिवरपूल का परिसर एक वैश्विक परिसर होगा, जो अनुसंधान और नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाएगा तथा वैश्विक कल्याण और समृद्धि में योगदान देने के लिए वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देगा।’’
बेंगलुरु परिसर में शुरू में व्यापार प्रबंधन, लेखांकन और वित्त, कंप्यूटर विज्ञान और ‘बायोमेडिकल साइंसेज’ में पाठ्यक्रम शुरू किये जाएंगे। यह गेम डिजाइन में एक प्रोग्राम भी शुरू करेगा ।
लिवरपूल विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भविष्य में सहयोग की संभावनाओं को तलाशने के लिए रॉयल कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियंस एंड गायनाकोलॉजिस्ट्स (आरसीओजी), एस्ट्राजेनेका फार्मा इंडिया लिमिटेड, विप्रो लिमिटेड, यूवीकैन और ड्रीम11 सहित कंपनियों और संगठनों के साथ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए।
विश्वविद्यालय के कुलपति टिम जोंस ने कहा, ‘‘हमें बेंगलुरु का पहला अंतरराष्ट्रीय परिसर खोलने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मंजूरी मिलने पर खुशी है। कर्नाटक और बेंगलुरु में एक परिसर खोलना अगला स्वाभाविक कदम लगता है, जो पहले से ही हमारी शानदार साझेदारियों और सहयोग को आगे बढ़ाएगा।’’
भाषा राजकुमार दिलीप
दिलीप
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