नई दिल्ली: पंजाब में बढ़ते संक्रमितों के आंकड़े को देखते हुए पंजाब सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सोमवार को कर्फ्यू लागू कर दिया है ऐसा बड़ा कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य हो गया है. अधिकारियों ने कहा कि लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे थे इसलिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कर्फ्यू की घोषणा कर दी है. अभी तक पंजाब में 22 संक्रमितों की पुष्टि हो चुकी है. वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने राज्य में बढते हुए संक्रमितों की संख्या देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर गुजारिश की है कि पश्चिम बंगाल के लिए आने वाली सभी उड़ाने रद्द की जाएं. वहीं दिल्ली के एम्स की ओपीडी भी बंद कर दी गई है.
अभी तक देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 7 हो चुकी है जबकि संक्रमितों का आंकड़ा 400 के पार कर गया है. इनमें विदेशी नागरिकों की संख्या 41 है. संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या लगभग 24 है. बता दें कि भारत के 22 राज्यों और 75 जिलों में कोरोना ने अपना पैर पसार लिया है. हरियाणा 17, महाराष्ट्र में सबसे अधिक 89, गुजरात में 18, उत्तराखंड में 3, जम्मू कश्मीर में चार, हिमाचल प्रदेश में 2, कर्नाटक में 20, केरल में 60, यूपी में 27, दिल्ली में 27 लोगों की पुष्टि हो चुकी है.
रेलवे ने खोला यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय
भारतीय रेलवे ने 31 तारीख तक सभी पैसेंजर ट्रेनों पर रोक लगा दी है. रेलवे और बसें बंद किए जाने की वजह से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए भारतीय रेलवे के अधिकारी ने बयान जारी कर कहा है कि रेलवे की सेवाएं सामान्य होने तक यात्रियों के प्रतीक्षालयों में ठहरने की अवधि बढ़ा दी है, जबकि कौन यात्री कितने दिनों तक रह सकता है इसका निर्धारण स्टेशन मास्टर के हाथों में होगा.
All officers/officials of Punjab Vigilance Bureau (VB) will be contributing their one day salary to the Chief Minister Relief Fund: Public Relations, Punjab. #COVID19 https://t.co/gfD3zez1rR
— ANI (@ANI) March 23, 2020
बता दें कि रविवार को प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान को मानने वाली देशभर की जनता आज उनके अनुरोध को सुन नहीं रही है. बिहार की राजधानी पटना में जहां बस अड्डों पर भारी भीड़ मौजूद है वहीं पंजाब में लोगों द्वारा अपील न सुने जाने को देखते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्यभर में कर्फ्यू लगा दिया है. जबकि पुडुचेरी में भी सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सोमवार रात नौ बजे से 31 मार्च तक कर्फ्यू लगा दिया गया है.
पंजाब में सीएम अमरिंदर सिंह बार बार लोगों से गुजारिश कर रहे थे कि महामारी बढ़ रही है सहयोग दें लेकिन लोगों ने बाहर निकलना नहीं छोड़ा तब समीक्षा के बाद पूरे राज्य में कर्फ्यू लगा दिया गया है. पीएम ने भी राज्य सरकारों से कहा है कि नियमों का पालन ‘सख्ती’ से करवाएं. पंजाब के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, ‘ मुख्य सचिव एवं डीजीपी के साथ मिलकर हालात की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री ने बिना किसी ढील के पूर्ण रूप से कर्फ्यू लगाए जाने की घोषणा की है.’
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘लोग अब भी बड़ी संख्या में घरों से निकल रहे थे इसलिए कर्फ्यू लागू किया गया. इसका मकसद लोगों को घरों में रखना है.’
पृथक न रहने पर ओडिशा में चार लोगों पर एफआईआर
भुवनेश्वर के रहने वाले एक दंपत्ति समेत ओडिशा में चार लोगों के खिलाफ घर में पृथक रहने के नियम का उल्लंघन करने पर आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने यह जानकारी दी. कोरोना वायरस के मद्देनजर सरकार ने यह नियम तय किये हैं. पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अनूप साहू ने कहा कि विदेश से लौटने के बाद घर पर पृथक रहने के नियम का पालन नहीं करने वाले दंपत्ति के खिलाफ रविवार को मामला दर्ज किया गया।
उन्होंने कहा कि दंपत्ति को एक पृथक केंद्र भेज दिया गया है.
दूसरे मामले में हाल में उज्बेकिस्तान से लौटे 30 वर्षीय एक व्यक्ति के खिलाफ कोविड-19 से जुड़े पृथक रहने के नियमों का उल्लंघन करने पर संबलपुर की दानुपाली पुलिस ने रविवार को मामला दर्ज किया. संबलपुर के उप मंडलीय पुलिस अधिकारी तपन मोहंती ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि यह पता चलने पर कि घर पर पृथक रहने के लिये निर्देशित किया गया युवक ऐसा नहीं कर रहा पुलिस ने आवश्यक सत्यापन किया और पाया कि वह कोविड-19 को लेकर जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहा है.
पुलिस ने कहा कि इस व्यक्ति के खिलाफ भादंसं की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों को घर पर पृथक रहने को कहा गया है वे इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करें और अलग रहें. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें गंभीर परिणामों के लिये तैयार रहना होगा.
कोविड-19 को लेकर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सुब्रतो बागची ने कहा कि अब तक विदेशों से ओडिशा लौटे 3,474 लोगों ने प्रदेश सरकार के कोविड-19 पोर्टल पर खुद को पंजीकृत कराया है.
राजस्थान में पांच या इससे ज्यादा व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर रोक
राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये निषेधाज्ञा के तहत अब पांच या इससे ज्यादा व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है और इसके उल्लंघन पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई के निर्देश दिये हैं.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने सोमवार को बताया कि सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और लोगों की सुरक्षा के लिये निषेधाज्ञा के तहत अब 20 लोगों की जगह पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है. वहीं अभी तक भ्रामक खबरें फैलाने को लेकर सूबे में 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने बताया कि इसका उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जायेगी.
उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार ने लॉकडाउन जैसे कड़े कदम उठाये हैं लेकिन मैंने देखा है कि लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. प्रधानमंत्री ने स्वयं कहा है कि लॉकडाउन को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए ताकि प्रशासन और लोगों को लगे की इसकी अनुपालना हो रही है.’
बता दें कि बढ़ते मामले को देखते हुए राजस्थान सरकार के विधायकों ने और पूर्व मुख्यमंत्री ने दान दिया है. राजे ने अपनी दो महीने की सैलरी को दान में दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सोमवार को निर्णय लिया कि मंत्रिमंडल के सभी सदस्य एक एक लाख रूपये का इसमें योगदान देंगे और कांग्रेस के सभी विधायक एक महीने का वेतन इस फंड में देंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दो माह का वेतन दान करने की घोषणा की है.
राजे ने ट्वीट किया कि कोविड—19 को रोकने के लिये वह अपना दो माह का वेतन मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर रही हैं.
तेलंगाना में लॉकडाउन शुरू
कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए 31 मार्च तक तेलंगाना सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण हैदराबाद एवं अन्य स्थानों पर आम लोग सोमवार सुबह जनता कर्फ्यू समाप्त होते ही आवश्यक सामान खरीदने निकले.
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव द्वारा आहूत 24 घंटे के ‘जनता कर्फ्यू’ के सोमवार छह बजे समाप्त होते ही लोग सब्जियां एवं आवश्यक सामान लेने निकले.
शहर में एरागड्डा के रायथू बाजार (सरकार द्वारा संचालित सब्जी बाजार) में कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की कि सब्जियां ऊंचे दामों पर बेची जा रही हैं.
मुख्यमंत्री राव ने रविवार को 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा की थी और लोगों से घरों में रहने के लिए कहा था. राज्य में रविवार को छह नये मामले सामने आने के साथ कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है.
सरकारी आदेश के अनुसार आवश्यक सामान की ढुलाई को छोड़कर राज्य की सभी सीमाएं सील कर दी जाएंगी. सरकारी बसों, हैदराबाद मेट्रो, टैक्सी और ऑटो रिक्शा समेत किसी सार्वजनिक परिवहन सेवा की अनुमति नहीं होगी. सार्वजनिक स्थानों पर पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक है.