नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारने के ठीक एक हफ्ते बाद, अपने सौर मिशन आदित्य-एल1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया.
श्रीहरिकोटा से इसरो का सूर्य को अध्ययन करने जा रहा मिशन आदित्य-एल1 ने अपनी उड़ान भरी और कुछ ही देर के बाद Aditya-L1 पीएसएलवी सी-57 रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हुआ और सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित होगया.
Aditya-L1 मिशन का लक्ष्य एल1 के पास की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है. यह अंतरिक्ष यान सात पेलोड लेकर जाएगा, जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) का अवलोकन करने में मदद करेंगे.
Aditya-L1 अंतरिक्ष यान को सूर्य के परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और एल1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है.
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2:00 PM:झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को देश के महत्वाकांक्षी सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ के सफल प्रक्षेपण के लिए ISROके वैज्ञानिकों को बधाई दी
राज्यपाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद ISRO एक बार फिर ‘आदित्य एल1’ के साथ सूर्य का अध्ययन करने वाले पहले अंतरिक्ष मिशन के रूप में एक अनोखी यात्रा पर है. प्रक्षेपण पर मेरी हार्दिक बधाई. सूर्य अन्वेषण और अभूतपूर्व खोजों के उज्ज्वल भविष्य के लिए इसरो को और अधिक सफलता की शुभकामनाएं
1:26 PM: आदित्य एल-1 के सफल लॉन्चिंग पर इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को इच्छित कक्षा में स्थापित किया गया है. मैं आदित्य एल1 को सही कक्षा में स्थापित करने के लिए पीएसएलवी को बधाई देना चाहता हूं.
1:22 PM: आदित्य एल-1 के सफल लॉन्चिंग पर आदित्य एल-1 की परियोजना निदेशक निगार शाजी बोले, “यह एक सपने के सच होने जैसा है. मुझे बेहद खुशी है कि आदित्य एल-1 को पीएसएलवी द्वारा इंजेक्ट किया गया है. आदित्य एल-1 ने अपनी 125 दिनों की लंबी यात्रा शुरू कर दी है. मैं इस मिशन को संभव बनाने में उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए पूरी टीम को धन्यवाद देना चाहता हूं.”
1:19 PM: विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आदित्य एल1 मिशन के सफल लॉन्चिंग पर कहा, “पूरी दुनिया ने इसे सांस रोककर देखा, यह वास्तव में भारत के लिए एक शानदार क्षण है”. भारतीय वैज्ञानिक काम कर रहे थे, कड़ी मेहनत कर रहे थे. “आदित्य एल1 का सफल प्रक्षेपण संपूर्ण-विज्ञान और संपूर्ण-राष्ट्र दृष्टिकोण का भी प्रमाण है जिसे हमने अपनी कार्य संस्कृति में अपनाने की मांग की है.”
#WATCH | Union Minister of State for Science and Technology Dr Jitendra Singh on the successful launch of the Aditya L1 mission says, "While the whole world watched this with bated breath, It is indeed a sunshine moment for India. Indian scientists had been working, toiling day… pic.twitter.com/muFMZ7Suxw
— ANI (@ANI) September 2, 2023
1:00 PM: Aditya-L1 पीएसएलवी सी-57 रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो चूका है. ‘आदित्य-एल1’ को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया.
#WATCH | Aditya L-1 Satellite has been separated. PSLV C-57 mission Aditya L-1 accomplished. PSLV C-57 has successfully injected the Aditya L-1 satellite into the desired intermediate Orbit, says ISRO pic.twitter.com/OOiEMcTLf3
— ANI (@ANI) September 2, 2023
12:57 PM: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 के सफल लॉन्चिंग के लिए इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी.
पीएम मोदी ने अपने एक्स (ट्वीटर) में कहा, संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे.
After the success of Chandrayaan-3, India continues its space journey.
Congratulations to our scientists and engineers at @isro for the successful launch of India’s first Solar Mission, Aditya -L1.
Our tireless scientific efforts will continue in order to develop better…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2023
12:30 PM: रायपुर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोले, मैं आदित्य एल-1 मिशन के शुभारंभ पर सभी को हार्दिक बधाई देता हूं.
#WATCH मैं आदित्य एल-1 मिशन के शुभारंभ पर सभी को हार्दिक बधाई देता हूं: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रायपुर pic.twitter.com/1qVq2ZcLUP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 2, 2023
12:20 PM: श्रीहरिकोटा से आदित्य एल-1 के उड़ान भरने के दौरान वहां मौजूद भीड़ ने लगाए ‘भारत माता की जय’ के नारे.
#WATCH | Crowd chants 'Bharat Mata Ki Jai' as ISRO's PSLV rocket carrying Aditya L-1 lifts off from Sriharikota pic.twitter.com/5uI6jZfLvJ
— ANI (@ANI) September 2, 2023
12:14 PM: आदित्य एल-1 के प्रक्षेपण के बाद, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) शार, श्रीहरिकोटा आए एक व्यक्ति ने कहा, “हम इसे देखने के लिए मुंबई से आए हैं. यह एक अद्भुत एहसास है कि हम नासा और अन्य जैसी अंतरिक्ष एजेंसियों को प्रतिस्पर्धा दे रहे हैं. हम वास्तव में उत्साहित हैं.”
#WATCH | After the launch of Aditya L-1, people gathered at Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota say "We have come from Mumbai to witness this. It was an unforgettable moment for us. This (Aditya L-1) is going to be marvellous. It is a wonderful feeling that we are… pic.twitter.com/1OcncyxlH0
— ANI (@ANI) September 2, 2023
12:03 PM: आदित्य-एल1 के प्रक्षेपण के बाद सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) शार श्रीहरिकोटा के दृश्य.
#WATCH | Visuals from Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota after the launch of Aditya-L1.
The third stage of the separation of PSLV has been completed. pic.twitter.com/b88rRvXNSr
— ANI (@ANI) September 2, 2023
12:01 PM: इसरो के आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को कवर करने वाला पेलोड पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलते ही अलग हो गया है. फिलहाल इसरो के अनुसार तीसरा चरण अलग कर दिया गया है.
#WATCH | The payload covering the ISRO's Aditya L1 spacecraft has been separated as it leaves Earth's atmosphere. Currently, the third stage is separated as per ISRO. pic.twitter.com/KbOY2fHSen
— ANI (@ANI) September 2, 2023
11:50AM: आदित्य एल-1 ने सफलतापूर्वक भरी उड़ान, ISRO का सौर मिशन हुआ लॉन्च.
#WATCH भारत का पहला सूर्य मिशन, #AdityaL1 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च हुआ। pic.twitter.com/2Wpsb1gGYX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 2, 2023
11:46 AM: इसरो के सौर मिशन आदित्य एल-1 के लॉन्च से पहले श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) एसएचएआर में मिशन नियंत्रण केंद्र में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह पहुंचे.
#WATCH | Union Minister of State for Science and Technology Jitendra Singh at the mission control centre at Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota ahead of the launch of ISRO's solar mission Aditya L-1. pic.twitter.com/cWKJF8If5M
— ANI (@ANI) September 2, 2023
11:26 AM: ISRO के सौर मिशन आदित्य एल-1 के लॉन्च को देखने के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) शार, श्रीहरिकोटा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं.
#WATCH | People in large numbers at Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota to witness launch of ISRO's solar mission Aditya L-1 pic.twitter.com/kzyuo8YtXN
— ANI (@ANI) September 2, 2023
11:10 AM: सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) शार, श्रीहरिकोटा में मिशन नियंत्रण केंद्र के दृश्य सामने आए इसरो यहीं से आदित्य एल-1 को अंतरिक्ष में लॉन्च करेगा. अंतरिक्ष यान को लैग्रेंजियन प्वाइंट के आसपास रखा जाएगा.
#WATCH | ISRO's PSLV rocket to launch Aditya L-1 in space to study the Sun. The spacecraft will be placed around Lagrangian Point
Visuals from mission control centre at Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota pic.twitter.com/OqzLzUMKgJ
— ANI (@ANI) September 2, 2023
10:33 AM: आंध्र प्रदेश में इसरो के आदित्य एल-1 मिशन के लॉन्च को देखने के लिए स्कूली छात्र श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे.
#WATCH आंध्र प्रदेश: इसरो के आदित्य एल-1 मिशन के लॉन्च को देखने के लिए स्कूली छात्र श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे। pic.twitter.com/Qwa3ppL23I
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 2, 2023
10:21 AM: आदित्य एल1 मिशन पर जवाहरलाल नेहरू तारामंडल में प्रोग्रामिंग मैनेजर प्रेरणा चंद्रा बोली, अन्य देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां पहले ही सूर्य पर अवलोकन कर चुकी हैं. आदित्य एल1 के साथ हमारे पास सूर्य के आंकड़े भी मोजूद होंगे जिससे हमें अंतरिक्ष के मौसम और आगामी अंतरिक्ष अभियानों को समझने में बहुत मदद मिलेगी.
#WATCH अन्य देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां पहले ही सूर्य पर अवलोकन कर चुकी हैं। आदित्य एल1 के साथ हमारे पास सूर्य के आंकड़े भी मोजूद होंगे जिससे हमें अंतरिक्ष के मौसम और आगामी अंतरिक्ष अभियानों को समझने में बहुत मदद मिलेगी: आदित्य एल1 मिशन पर जवाहरलाल नेहरू तारामंडल में प्रोग्रामिंग… pic.twitter.com/CS92KmVLVD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 2, 2023
9:29 AM: आदित्य एल1 मिशन पर, पद्मश्री पुरस्कार विजेता और इसरो के पूर्व वैज्ञानिक मायलस्वामी अन्नादुराई बोले, “…एल1 बिंदु हासिल करना और उसके चारों ओर एक कक्षा बनाना और बहुत सटीक पॉइंटिंग आवश्यकताओं के साथ पांच वर्षों तक जीवित रहना तकनीकी रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण है.. यह वैज्ञानिक रूप से फायदेमंद होने वाला है क्योंकि सात उपकरण जो हो रहा है उसकी गतिशीलता और घटनाओं को समझने की कोशिश करेंगे.
#WATCH | On the Aditya L1 mission, Padma Shri awardee and former ISRO scientist Mylswamy Annadurai says, "…It is technically very challenging to acquire the L1 point and have an orbit around that and to survive for the five years with very accurate pointing requirements… This… pic.twitter.com/MxVVflBolT
— ANI (@ANI) September 2, 2023
8:09 AM: आदित्य एल-1 का प्रक्षेपण को देखने के लिए चेन्नई से श्रीहरिकोटा आए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंची एक दर्शक ने कहा कि हमें भारतीय होने पर बहुत गर्व है, हम लॉन्चिंग देखने के लिए यहां आकर बहुत खुश हैं. यह पहली बार है कि मैं यहां आई हूं. हम अपनी खुशी बता नहीं सकते.
#WATCH | "We are very proud to be an Indian, we are very happy to be here to watch the launching. This is the first time, I have come here. We can't explain our happiness," says Bama, who arrived at Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota from Chennai to watch the launch of… pic.twitter.com/WLBWkAwX0h
— ANI (@ANI) September 2, 2023
7:58 AM: उत्तर प्रदेश के श्रीहरिकोटा से इसरो के आदित्य एल1 मिशन के सफल लॉन्च के लिए वाराणसी में हवन किया गया.
Aditya-L1 की सफलता के लिए इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ और इस अभियान से जुड़े वैज्ञानिकों ने मिशन के लॉन्च से पहले, शुक्रवार को सुलुरुपेटा में श्री चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की.
PSLV-C57/Aditya-L1 Mission:
The 23-hour 40-minute countdown leading to the launch at 11:50 Hrs. IST on September 2, 2023, has commended today at 12:10 Hrs.The launch can be watched LIVE
on ISRO Website https://t.co/osrHMk7MZL
Facebook https://t.co/zugXQAYy1y
YouTube…— ISRO (@isro) September 1, 2023
क्या है मिशन
‘लैग्रेंज बिंदु’ अंतरिक्ष में स्थित वो स्थान है, जहां सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल आकर्षण और प्रतिकर्षण के उन्नत क्षेत्र उत्पन्न करता है. नासा के अनुसार, इनका उपयोग अंतरिक्ष यान द्वारा स्थिति में बने रहने के लिए आवश्यक ईंधन की खपत को कम करने के लिए किया जा सकता है. लैग्रेंज बिंदु का नाम इतालवी-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफी-लुई लैग्रेंज के सम्मान में रखा गया है.
इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि आदित्य-एल1 पूरी तरह से स्वदेशी प्रयास है, जिसमें राष्ट्रीय संस्थानों की भागीदारी है.
अंतरिक्ष एजेंसी ने सोशल मीडिया पर किये गए एक पोस्ट में बताया कि सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला को पीएसएलवी-सी57 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा.
बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) पेलोड का विकास करने वाली पहला संस्थान है, जबकि इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स, पुणे ने सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआईटी) पेलोड इस मिशन के लिए विकसित किया है.
इसरो के अनुसार, वीईएलसी का लक्ष्य यह पता लगाने के लिए डेटा एकत्रित करना है कि कोरोना का तापमान लगभग दस लाख डिग्री तक कैसे पहुंच सकता है, जबकि सूर्य की सतह का तापमान 6000 डिग्री सेंटीग्रेड से थोड़ा अधिक रहता है.
आदित्य-एल1 यूवी पेलोड का उपयोग करके कोरोना और सौर क्रोमोस्फीयर पर और एक्स-रे पेलोड का उपयोग करके लपटों का अवलोकन कर सकता है. कण संसूचक और मैग्नेटोमीटर पेलोड आवेशित कणों और एल1 के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा तक पहुंचने वाले चुंबकीय क्षेत्र के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं.
यहां स्थित यू आर राव सैटेलाइट सेंटर द्वारा विकसित उपग्रह, इस महीने की शुरुआत में आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के इसरो के स्पेस पोर्ट पहुंचा.
इसे सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के एल1 बिंदु के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित करने की योजना है.
इसरो ने कहा कि एल1 बिंदु के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में स्थापित उपग्रह से सूर्य पर लगातार नजर रखने में बड़ा फायदा होगा और कोई भी ग्रह इसमें बाधा नहीं डालेगा. इसने कहा, ‘‘इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव को देखने का अधिक लाभ मिलेगा.’’
विशेष सुविधाजनक बिंदु एल1 का उपयोग करते हुए, चार पेलोड सीधे सूर्य का अवलोकन करेंगे और शेष तीन पेलोड द्वारा एल1 बिंदु पर कण और क्षेत्रों का यथास्थान अध्ययन किये जाने की उम्मीद है.
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