लातूर (महाराष्ट्र), एक फरवरी (भाषा) शिक्षाविद डॉ. जनार्दन वाघमारे ने कहा कि लोगों को जोड़ने का काम करने वाला साहित्य अतीत में एक विशेष वर्ग तक ही सीमित था, लेकिन अब इसका दायरा बढ़ा है और यह समाज के सभी स्तरों तक पहुंच गया है।
नांदेड़ स्थित स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति वाघमारे ने महाराष्ट्र उदयगिरि कॉलेज में 95वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। यह कॉलेज लातूर के उदगीर में स्थित है। इस परिसर में इस साल 22 अप्रैल से 24 अप्रैत तक साहित्य सम्मेलन आयोजित किया गया जाएगा।
वाघमारे ने कहा कि उदगीर साहित्य एवं क्रांतिकारियों की भूमि है और यहां आयोजित होने वाला साहित्य सम्मेलन लोगों के लिए बौद्धिक रूप से लाभकारी होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं और मुस्लिम मराठी साहित्य की समस्याओं पर भी कार्यक्रम के दौरान एक चर्चा आयोजित किए जाने की जरूरत है।
प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. सूर्यनारायण रणसुभे ने कहा कि साहित्य सम्मेलन पाठकों के बीच शब्दों और पुस्तकों के महत्व को बढ़ावा देने का एक शानदार अवसर है।
महाराष्ट्र एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष बसवराज पाटिल नागरलकर ने कहा कि वे सम्मेलन के दौरान बच्चों के लिए विभिन्न विशेष गतिविधियों का आयोजन करना चाहते हैं।
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सिम्मी प्रशांत
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