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Wednesday, 16 July, 2025
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भारत में भगदड़ की प्रमुख घटनाओं की सूची

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नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) आईपीएल में 18 साल में टीम की पहली जीत के जश्न में आरसीबी का जश्न उस समय त्रासदी में बदल गया जब बुधवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ मचने से कम से कम 11 प्रशंसकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

इस वर्ष मंदिरों, रेलवे स्टेशन तथा महाकुंभ आदि स्थानों पर भगदड़ में 50 से अधिक लोग मारे गए हैं।

पंद्रह फरवरी को नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 14 और 15 पर भगदड़ मच गई। इसमें 18 लोग मारे गए और 15 घायल हो गए, जिनमें से अधिकतर प्रयागराज में महाकुंभ के तीर्थयात्री थे।

महाकुंभ के दौरान 29 जनवरी को संगम क्षेत्र में मौनी अमावस्या के अवसर पर स्नान के लिए लाखों तीर्थयात्रियों के पहुंचने से मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए।

हाल के वर्षों में देश में घटित कुछ अन्य त्रासदियों की सूची यहां दी गई है:

* तीन मई, 2025: गोवा के शिरगाओ गांव में श्री लैराई देवी मंदिर के वार्षिक उत्सव के दौरान तड़के भगदड़ मचने से छह लोगों की मौत हो गई और लगभग 100 लोग घायल हो गए।

* आठ जनवरी, 2025: तिरुमाला हिल्स स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शनम के टिकट के लिए सैकड़ों श्रद्धालुओं के बीच हुई धक्का-मुक्की में कम से कम छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए।

* चार दिसंबर, 2024: हैदराबाद के संध्या थिएटर में अल्लू अर्जुन की ब्लॉकबस्टर ‘पुष्पा 2’ की स्क्रीनिंग के दौरान मची भगदड़ में 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई और एक लड़का घायल हो गया।

* दो जुलाई, 2024: उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू बाबा भोले बाबा उर्फ ​​नारायण साकार हरि द्वारा आयोजित ‘सत्संग’ में भगदड़ मचने से महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 121 लोग मारे गए।

* 31 मार्च, 2023: इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन समारोह के दौरान एक प्राचीन ‘बावड़ी’ के ऊपर बनी स्लैब के ढह जाने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई।

* एक जनवरी, 2022: जम्मू कश्मीर में माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए।

* 29 सितंबर, 2017: मुंबई में पश्चिमी रेलवे के एलफिंस्टन रोड स्टेशन को मध्य रेलवे के परेल स्टेशन से जोड़ने वाले संकरे पुल पर मची भगदड़ में 23 लोगों की मौत हो गई और 36 घायल हो गए।

* 14 जुलाई, 2015: आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में ‘पुष्करम’ उत्सव के पहले दिन गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ मचने से 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए।

* तीन अक्टूबर, 2014: दशहरा समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद पटना के गांधी मैदान में भगदड़ मचने से 32 लोग मारे गए और 26 अन्य घायल हो गए।

* 13 अक्टूबर, 2013: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान मची भगदड़ में 115 लोग मारे गए और 100 से अधिक लोग घायल हो गए। भगदड़ की शुरुआत इस अफवाह के कारण हुई कि जिस नदी के पुल को श्रद्धालु पार कर रहे थे, वह टूटने वाला है।

* 19 नवम्बर, 2012: पटना में गंगा नदी के तट पर अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से मची भगदड़ में लगभग 20 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।

* आठ नवम्बर, 2011: हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हर-की-पौड़ी घाट पर मची भगदड़ में कम से कम 20 लोग मारे गए।

* 14 जनवरी, 2011: केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में घर जा रहे तीर्थयात्रियों से एक जीप के टकरा जाने के कारण मची भगदड़ में कम से कम 104 सबरीमाला श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 से अधिक घायल हो गए।

* चार मार्च, 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भगदड़ मचने से लगभग 63 लोगों की मौत हो गई, लोग स्वयंभू बाबा से मुफ्त कपड़े और भोजन लेने के लिए एकत्र हुए थे।

* 30 सितंबर, 2008: राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह के कारण मची भगदड़ में लगभग 250 श्रद्धालु मारे गए और 60 से अधिक घायल हो गए।

* तीन अगस्त, 2008: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर में चट्टान खिसकने की अफवाह के कारण मची भगदड़ में 162 लोग मारे गए, 47 घायल हुए।

* 25 जनवरी, 2005: महाराष्ट्र के सातारा जिले में मंधारदेवी मंदिर में वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 340 से अधिक श्रद्धालु कुचलकर मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। यह दुर्घटना तब हुई जब कुछ लोग श्रद्धालुओं द्वारा नारियल तोड़े जाने से फिसलन भरी सीढ़ियों पर गिर गए।

* 27 अगस्त, 2003: महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में भगदड़ में 39 लोग मारे गए और लगभग 140 घायल हो गए।

भाषा

शुभम नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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