लंदन: शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया है. युनाइटेड किंगडम की वेस्टमिन्सटर अदालत ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण को हरी झंडी दिखा दी है. उनके पास इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिन का समय है.
जज एम्मा आर्बुतनॉट, इंग्लैंड की चीफ मजिस्ट्रेट ने फैसला दिया कि पहली नज़र में माल्या के खिलाफ केस बनता है. माल्या मार्च 2016 में ब्रिटेन चले गए थे. उन्होंने कहा कि उनके अधिकारों का कोई हनन नहीं होगा अगर उन्हें प्रत्यर्पिक किया जाता है. अब उनके फैसले को ब्रिटेन के गृह मंत्री के पास भेजा जाएगा जिन्हें इसका अनुमोदन करना है.
सीबीआई के प्रवक्ता का कहना है, ‘हम उनको शीध्र भारत वापस लाकर मामले का समापन करेंगे. सीबीआई की अपनी अंदरूनी ताकत है. हमने इस मामले में बहुत मेहनत की. कानून की नज़र में हमारा पक्ष मजबूत है और इस प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान हमें पूरा विश्वास था.’
लंदन की कोर्ट ने कहा कि माल्या ऊपरी कोर्ट में अपील कर सकते हैं, उनको 14 दिन में फैसले के खिलाफ अपील करनी होगी.
फैसला आने से पहले विजय माल्या ने वहां मौजूद मीडिया से कहा कि कोर्ट का जो भी फैसला आएगा वह उसे मंजूर होगा. उसने कहा, ‘मैंने किसी का पैसा नहीं चुराया, मैं लोन लिया हुआ पैसा चुकाने को तैयार हूं. लोन का प्रत्यर्पण से कोई संबंध नहीं है.’
धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के मामले में विजय माल्या पर भारतीय बैंकों के करीब 9,000 करोड़ रुपये बकाया हैं. विजय माल्या ने मनी लांड्रिंग के आरोपों के बाद देश छोड़ दिया था. वे मार्च 2016 से लंदन में हैं.