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Friday, 15 November, 2024
होमदेशविपक्ष का तेल की कीमतें बढ़ने को चुनाव खत्म होने से जोड़ना उसकी हार की हताशा को दिखाता है: पीयूष गोयल

विपक्ष का तेल की कीमतें बढ़ने को चुनाव खत्म होने से जोड़ना उसकी हार की हताशा को दिखाता है: पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय स्थिति हमने नहीं बनाई, चुनाव जब खत्म हुए और अंतरराष्ट्रीय स्थिति जब बिगड़ी ये एक साथ होना राजनीति का विषय नहीं है.

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नई दिल्ली: भारत में तेल की कीमते बढ़ने को विपक्षी दलों ने चुनाव खत्म होने से जोड़ा है इसको लेकर केंद्रीय पीयूष गोयल ने विपक्ष की चुनावी हार की हताशा को बताया है.

दुबई में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले दो साल में भारत ने जिस तरह से कोरोना महामारी को हैंडल किया उसकी दुनिया भर में सराहना की गई है, दुनिया भारत को जिंदगी और आजीविका में संतुलन बनाने के​ लिए एक रोल मॉडल की तरह देखती है.

उन्होंने कहा कि दुबई एक्सपो 2020 में भारत के पवेलियन में 16 लाख से ज़्यादा लोग आ चुके हैं, आजकल लगभग 20,000 लोग रोज जाते हैं. ये दर्शाता है कि भारत के प्रति कितना आकर्षण है.

गोयल ने कहा कि पिछले 7 सालों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) लगातार बढ़ रहा है और साल-दर-साल इसने सारे रिकॉर्ड तोड़े हैं. ये दिखाता है कि भारत निवेश के लिए एक पसंदीदा जगह बनकर उभर रहा है. कोरोना के दौरान भी रिकॉर्ड निवेश हुआ.

तेल के बढ़ते दाम को लेकर विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि ‘आज की अंतरराष्ट्रीय स्थिति में विश्व में में ​कीमतें बढ़ी हुई हैं, तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं, इसके अलावा हर खाद्य पदार्थ की कीमतें बहुत ऊंची चल रही हैं. ऐसी परिस्थिति में भारत ने फर्टिलाइजर की कीमतें बढ़ने नहीं दीं और पूरा बोझ सरकार ने ले लिया.’

‘यूक्रेन-रूस संकट के बाद तेल के दाम बहुत तेज़ी से बढ़े हैं, इसके बावजूद उन कीमतों पर भी जितना आवश्यक है सरकार ने सहूलियतें देकर उसको नियंत्रण में रखने का पूरा प्रयास किया.’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘ये अंतरराष्ट्रीय स्थिति हमने नहीं बनाई, चुनाव जब खत्म हुए और अंतरराष्ट्रीय स्थिति जब बिगड़ी ये एक साथ होना राजनीति का विषय नहीं है. वो (विपक्ष) जिस तरह एक के बाद एक चुनाव हार रहे हैं ये उनका निराशा निकालने का तरीका है.’

वहीं दूसरी तरफ संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय राजदूत संजय सुधीर ने कहा, ‘हमारा UAE को 26 बिलियन का निर्यात है और इसका 90% निर्यात CEPA के बाद ज़ीरो ड्यूटी हो जाएगा. हमारा निर्यात क्षेत्र मुख्य तौर पर चमड़ा, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान जैसे SMEs क्षेत्र हैं. खाड़ी देशों में UAE भारत में सबसे बड़ा निवेशक बन गया है.’

उन्होंने कहा, ‘UAE और भारत एक दूसरे के व्यापार भागीदारी में टॉप 3 में आते हैं और हमारा द्विपक्षीय व्यापार भी करीब 60 बिलियन डॉलर का है. हमारा अनुमान है कि अगले 5 सालों में हम इसे 100 बिलियन डॉलर पर ले जाएंगे.’


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