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आरएसएस की नयी इमारत की तरह हमारे कार्यों में भी भव्यता झलकनी चाहिए: भागवत

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(फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में संगठन के नवनिर्मित बहुमंजिला कार्यालय के निर्माण की सराहना की और स्वयंसेवकों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उनके कार्य नए कार्यालय परिसर जितने ही ‘भव्य’ हों।

नवनिर्मित कार्यालय केशव कुंज का निर्माण लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से आठ वर्षों में किया गया है।

सूत्रों के अनुसार, लगभग 300 कमरों और कार्यालयों वाले 13 मंजिला तीन टावरों को आरएसएस की विचारधारा और उसके काम के प्रति सहानुभूति रखने वाले 75,000 से अधिक लोगों के योगदान से बनाया गया था।

दिल्ली में आरएसएस के नवनिर्मित परिसर में संघ के कार्यालय के औपचारिक उद्घाटन के अवसर पर आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने पदाधिकारियों और स्वयंसेवकों को अपने मार्ग से भटकने के प्रति आगाह करते हुए कहा, ‘पिछले कठिन समय की तुलना में अब हमारी स्थिति बदल गई है। बदलती परिस्थितियों के साथ हमें यह ध्यान रखना होगा कि हमारी दिशा न बदले।’

आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘स्थिति बदलने में समय नहीं लगता। (आरएसएस के प्रति) उपेक्षा दूर हो गई। विरोध भी दूर हो गया। हम आगे बढ़ते रहें।’

भागवत ने कहा कि आरएसएस का ‘दिन-प्रतिदिन’ विस्तार हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘आज इस नवनिर्मित भवन में प्रवेशोत्सव है। हमारे कार्य भी इस भवन जितने भव्य होने चाहिए। हमारे कार्य में वह भव्यता झलकनी चाहिए।’

गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा प्रमुख जे.पी. नड्डा समेत पार्टी के कई नेताओं ने कार्यक्रम में भाग लिया।

आरएसएस के राष्ट्रीय महासचिव दत्तात्रेय होसबाले भी झंडेवालान स्थित कार्यालय में ‘कार्यकर्ता सम्मेलन’ में संगठन के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ उपस्थित थे।

आरएसएस का दिल्ली कार्यालय और उससे जुड़े कुछ संगठन पिछले कुछ महीनों में धीरे-धीरे नए बहुमंजिला परिसर में स्थानांतरित हो गए हैं।

आरएसएस 2016 से एक किराए के परिसर में अपनी गतिविधियों का संचालन कर रहा था। झंडेवालान स्थित कार्यालय से संघ 1962 से काम कर रहा है।

नया परिसर पहले की दो मंजिला इमारत से एक बड़ा बदलाव है, इसे हवादार और पर्याप्त सूर्य के प्रकाश के संपर्क में लाने के लिए प्राचीन वास्तुशिल्प प्रथाओं के साथ आधुनिक तकनीक का मिश्रण किया गया है।

तीन टावरों (भूतल और 12 मंजिल) के नाम साधना, प्रेरणा और अर्चना हैं। इसके सबसे बड़े सभागारों में से एक का नाम विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के एक प्रमुख पदाधिकारी अशोक सिंघल के नाम पर रखा गया है, जो राम मंदिर आंदोलन से निकटता से जुड़े हुए थे। इस आधुनिक सभागार में 463 व्यक्ति बैठ सकते हैं। एक अन्य हॉल में 650 लोग बैठ सकते हैं।

आरएसएस कार्यालय में एक पुस्तकालय, स्वास्थ्य क्लिनिक और एक सीवेज उपचार संयंत्र के अलावा अपने पदाधिकारियों और सदस्यों के लिए आवास सुविधाएं हैं।

भाषा जोहेब देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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