नई दिल्ली: पंजाब की तर्ज पर मध्यप्रदेश अब देश का नया औद्योगिक हब बनने की ओर बढ़ रहा है.
ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन राजेंद्र गुप्ता ने कहा, “लुधियाना को पंजाब का मैनचेस्टर कहा जाता है, जहां के लोगों के हौसले देश-विदेश में पहचान बना चुके हैं. ऐसे ही मौके अब मध्यप्रदेश में भी मौजूद हैं.”
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मध्यप्रदेश सरकार से मिले सहयोग के चलते आज उनका ग्रुप एमपी से 100 देशों में निर्यात कर रहा है.
गुप्ता ने भरोसा जताया कि राज्य में अगले तीन साल में 5 लाख करोड़ रुपये का निवेश पूरा किया जाएगा. उन्होंने उज्जैन के पास एक नए इंस्टीट्यूट की भी घोषणा की.
वहीं अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) नीरज मंडलोई ने कहा कि पंजाब के निवेशकों के लिए मध्यप्रदेश ‘लैंड ऑफ अपॉर्च्युनिटी’ बन सकता है.
उन्होंने कहा, “मध्यप्रदेश में वर्ल्ड क्लास लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल है. आज पंजाब में भी एमपी के विकास की झलक दिख रही है.”
राघवेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव (निवेश प्रोत्साहन एवं एमएसएमई विभाग) ने बताया कि मध्यप्रदेश तकनीक के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य में 1 लाख एकड़ से ज्यादा का लैंड बैंक है और 18 नई औद्योगिक नीतियां लागू की गई हैं. उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क, धार में पीएम मित्र पार्क, मुरैना में लेदर पार्क और बाबई में इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट पार्क को केंद्र की मंजूरी मिल चुकी है.
सिंह ने कहा, “मध्यप्रदेश में जो दिल चाहे, वह सब है—बढ़ती जीएसडीपी, हरित उद्योग, प्लांट मशीनरी पर 40% तक निवेश सहायता और बेहतर वर्कर सुविधाएं. यहां जंगल, टाइगर, चीता, घड़ियाल और निवेश—सब कुछ एक साथ है.”