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Saturday, 2 November, 2024
होमदेशपहली निजी कंपनी को मिली कोविड-19 डायग्नोस्टिक टेस्ट करने की अनुमति, महाराष्ट्र में खुलेंगी नई प्रयोगशालाएं

पहली निजी कंपनी को मिली कोविड-19 डायग्नोस्टिक टेस्ट करने की अनुमति, महाराष्ट्र में खुलेंगी नई प्रयोगशालाएं

कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की जांच के लिए अभी केवल मुंबई, नागपुर और पुणे में तीन प्रयोगशालाएं हैं. देश में कोरोना के सबसे अधिक 42 मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं.

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नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि रोश डायग्नोस्टिक्स, एक निजी कंपनी को परीक्षणों के लिए खाद्य और औषधि प्रशासन को भारतीय नियामकों द्वारा आपातकालीन स्वीकृति मिली है. उन्हें कोविड-19 डायग्नोस्टिक टेस्ट कराने का लाइसेंस मिला है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बायोमार्क्स डायग्नोस्टिक्स एक अन्य निजी कंपनी, ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीसीजीआई) से भी संपर्क किया है. अधिकारियों की मंजूरी मिलने में 7 दिन लगेंगे. एक बार अनुमोदित होने के बाद, यह कोविड-19 की पुष्टिकरण परीक्षा आयोजित कर सकता है.

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि कोरोनावायरस की जांच के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में सात और प्रयोगशालाएं खोली जाएंगी. कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की जांच के लिए अभी केवल मुंबई, नागपुर और पुणे में तीन प्रयोगशालाएं हैं.

देश में कोरोना के सबसे अधिक 42 मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं. कोरोनावायरस के मद्देनज़र दिल्ली स्थित नेशनल जूलोजिकल पार्क को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है.

टोपे ने कहा, ‘केईएम, जेजे अस्पताल और हाफकिन संस्था में जल्द यह जांच सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. अगले पांच दिन में इनके शुरू होने की संभावना है.’ उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य हिस्सों में भी ऐसी ही प्रयोगशालाएं खोली जाएंगी.

टोपे ने कहा कि सरकार राज्य द्वारा संचालित नासिक, धुले, औरंगाबाद और मिरज (सांगली जिला) मेडिकल कॉलेज में चार नयी प्रयोगशालाएं शुरू करने की तैयारी कर रही है.

उन्होंने बताया कि पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) की ओर से जरूरी तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण मुहैया कराया जाएगा. यह संस्थान इन प्रयोगशालाओं को कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए मान्यता भी प्रदान करेगा.

मंत्री ने कहा, ‘मैं एनआईवी और नायडू अस्पतल का दौरा करूंगा, जहां मरीज भर्ती हैं. एनआईवी दौरे के दौरान में व्यापक तौर पर चर्चा करूंगा कि कैसे प्रयोगशाला का गठन किया जाए, नमूनों का समन्वय और डेटा प्रोसेसिंग हो.’

इन अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए पहले ही पृथक वार्ड हैं.

मंत्री ने स्वीकार किया कि नागपुर के मेडिकल कॉलेज में आवश्यक किट की कमी थी, जहां कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के नमूनों की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘यह सच है कि वहां किट की कुछ कमी है. जांच के लिए किट की आपूर्ति भारत सरकार कर रही है और हमने अधिक संख्या में किट की मांग की है.’

टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र किट की आपूर्ति के लिए अलग से आदेश दे सकता है, लेकिन राज्य केंद्र सरकार के परामर्श का सख्ती से पालन कर रहा है.

सीबीएसई ने परीक्षा केंद्रों से छात्रों को पर्याप्त दूरी पर बैठाने की व्यवस्था करने को कहा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर बोर्ड परीक्षा केंद्रों को छात्रों को पर्याप्त दूरी पर बैठाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.

इसके अलावा बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकों को परीक्षा के दौरान मास्क, रूमाल से चेहरे को ढंककर रखने की सलाह दी.

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने एक परामर्श में कहा, ‘परीक्षा केंद्रों पर यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी कि बोर्ड परीक्षा के परीक्षार्थियों को एक मीटर की दूरी पर बैठाया जाए. जहां कमरे के आकार इस व्यवस्था के अनुकूल नहीं है, वहां परीक्षार्थियों को अन्य कमरों में बैठाने की व्यवस्था की जा सकती है.’ परामर्श में कहा गया, ‘परीक्षा के दौरान कक्ष निरीक्षकों को मास्क पहनना चाहिए या रूमाल से चेहरा ढंकना चाहिए.’

वैष्णो देवी यात्रा बंद, अंतरराज्यीय बस सेवाएं निलंबित

कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर जम्मू कश्मीर प्रशासन ने वैष्णो देवी यात्रा बंद करने और सभी अंतरराज्यीय बसों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा बुधवार को की.

जम्मू कश्मीर के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशक ने ट्वीट किया, ‘श्री माता वैष्णो देवी यात्रा आज से बंद की जाती है. जम्मू कश्मीर से आने और जाने वाली सभी अंतरराज्यीय बसों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.’

अधिकारियों ने बताया कि उधमपुर के जिला प्रशासन ने सभी प्रकार के सार्वजनिक परिवहन को निलंबित कर दिया है और जम्मू में दो बड़े पार्कों और पुंछ में सभी सार्वजनिक पार्कों को अगली सूचना तक बंद कर दिया गया है.

मास्क, हैंड सैनिटाइजर के बारे में बुधवार शाम तक सूना दें विनिर्माता: एनपीपीए

राष्ट्रीय औषधि कीमत प्राधिकरण (एनपीपीए) ने सर्जिकल और रक्षात्मक मास्क, दस्ताने और ‘हैंड सैनिटाइजर’ के विनिर्माताओं और आयातकों से इन उत्पादों के बारे में बुधवार शाम छह बजे तक पूरा ब्योरा देने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

पिछले सप्ताह एनपीपीए ने सर्जिकल और रक्षात्मक मास्क, दस्ताने और ‘हैंड सैनिटाइजर’ के सभी विनिर्माताओं और आयातकों से निर्धारित प्रारूप में इन उत्पादों के बारे में जरूरी सूचना 17 मार्च तक देने को कहा था.

एनपीपीए के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार यह पाया गया कि बहुत कम विनिर्माताओं/आयातकों ने जरूरी सूचना निर्धारित प्रारूप में दी है.

इसमें कहा गया है, ‘इसीलिए सभी संबंधित कंपनियों को सूचित किया जाता है कि आदेश का पालन नहीं करने पर उनके खिलाफ डीपीसीओ 2013 (औषधि कीमत नियंत्रण आदेश) और अनिवार्य वस्तु अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी. इससे चूककर्ता संबंधित कंपनियों के खिलाफ तलाशी और जब्ती तथा अभियोजन की कार्रवाई की जा सकती है.’

सभी विनिर्माताओं/आयातकों को 18 मार्च 2020 की शाम छह बजे तक जरूरी ब्योरा देने की जरूरत है. ऐसा नहीं करने पर प्राधिकरण दंडात्मक कार्रवाई करने के लिये बाध्य होगा.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने 13 मार्च को अगले 100 दिनों तक मास्क और ‘हैंड सैनिटाइजर’ को अनिवार्य वस्तु की श्रेणी में लाने की घोषणा की. कोरोना वायरस विषाणु के फैलने से रोकने के लिये उठाये जा रहे कदमों के तहत इन उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाने तथा जमाखोरी रोकने के इरादे से यह पहल की गयी.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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