पुडुचेरी: पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने सोमवार को अपने निर्णय पर कायम रहते हुए विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सदन में अभिभाषण नहीं दिया.
बेदी का कहना है कि बजट को मंजूरी के लिए उनके पास नहीं भेजा गया इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया.
सदन आज पूर्वाह्न साढ़े नौ बजे बुलाया गया था और बजट पेश होने से पहले परंपरागत रूप से उपराज्यपाल का अभिभाषण होना था.
बेदी को सम्मान गारद दिए जाने समेत सारी व्यवस्था की गई थी.
बेदी ने बीती रात ही मुख्यमंत्री वी नारायणसामी को अपने निर्णय से अवगत करा दिया था.
हालांकि, सत्र तय समय से 15 मिनट देर से, अध्यक्ष वी पी सिवकोलुंधु द्वारा तिरुक्कुरल की कुछ पंक्तियां पढ़े जाने से शुरू हुआ.
मुख्यमंत्री के संसदीय सचिव के लक्ष्मीनारायण ने प्रस्ताव पेश करते हुए अध्यक्ष से अनुरोध किया कि आज के लिए उपराज्यपाल का अभिभाषण स्थगित किया जाए.
सत्ताधारी दल कांग्रेस के विधायक टी जयमूर्ति ने प्रस्ताव को आगे बढ़ाया.
अध्यक्ष ने उपराज्यपाल के अभिभाषण को स्थगित करने की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि कामकाज के नियम और प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए सत्र बुलाया गया था.
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अध्यक्ष ने कहा कि उपराज्यपाल के अभिभाषण को स्थगित किया गया है और सदन की कार्यवाही अपराह्न 12 बजकर पांच मिनट पर पुनः शुरू होगी और मुख्यमंत्री वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश करेंगे.
उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात और कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए बजट पेश करने में यदि देर होती है तो इसका प्रभाव जनता पर पड़ेगा. इसलिए बजट आज ही पेश करने का निर्णय किया गया.
मुख्यमंत्री ने रविवार रात बेदी को पत्र लिखकर कहा था कि वार्षिक वित्तीय विवरण की संस्तुति प्रशासक (उपराज्यपाल) द्वारा दी जा चुकी है और राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी प्रदान कर दी है.
उन्होंने कहा था कि सदन में बजट पेश करने से पहले उसे उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजने का कोई नियम या कानूनी प्रावधान नहीं है.
बेदी ने अपने पत्र में कहा था कि उन्हें बजट प्राप्त नहीं हुआ है और उनकी मंजूरी नहीं ली गई है जो कि सरकार की ओर से एक ‘भारी गलती’ है.
नारायणसामी ने इसका जवाब देते हुए उपराज्यपाल को बताया कि विधानसभा सचिवालय या सरकार की ओर से कोई गलती नहीं की गई है.
उन्होंने यह भी कहा कि ‘जब पूरा देश कोविड-19 से लड़ रहा है और इस समय एक रहने की जरूरत है…’
उन्होंने कहा, ‘लेखानुदान 2020-21 समाप्त हुए 20 दिन बीत चुके हैं. इससे अधिक देर होने से प्रशासन को महामारी से लड़ने में समस्या ही आएगी और आखिरकार पुडुचेरी के लोगों को इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा.’