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Monday, 27 October, 2025
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लेह हिंसा: अधिसूचना के बाद जनता को साक्ष्य, दस्तावेज सौंपने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा

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लेह, 27 अक्टूबर (भाषा) लेह हिंसा की न्यायिक जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति का नेतृत्व कर रहे उच्चतम न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि 24 सितंबर की झड़पों से संबंधित साक्ष्य और जानकारी जमा कराने के लिए आम लोगों को 30 दिन का समय दिया जाएगा।

लेह हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे।

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बीएस चौहान ने कहा कि जांच आयोग के कार्यक्षेत्र और दायरे की जानकारी देने वाली अधिसूचना जल्द ही जारी कर दी जाएगी।

उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि आयोग 10 दिसंबर से साक्ष्यों और दस्तावेजों की समीक्षा शुरू करेगा और जो भी व्यक्ति आगे आकर जानकारी देना चाहेगा, आयोग उससे मिलने के लिए तैयार है।

केंद्र सरकार ने लद्दाख में प्रदर्शन कर रहे समूहों की एक प्रमुख मांग को स्वीकार करते हुए हिंसक झड़पों की न्यायिक जांच की घोषणा 17 अक्टूबर को की थी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, इस न्यायिक जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि कानून-व्यवस्था की इतनी गंभीर स्थिति कैसे उत्पन्न हुई, पुलिस ने क्या कार्रवाई की, और हिंसा में चार लोगों की मौत के पीछे क्या कारण थे।

सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहन सिंह परिहार आयोग में न्यायिक सचिव की भूमिका निभाएंगे, जबकि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी तुषार आनंद इस जांच आयोग के प्रशासनिक सचिव होंगे।

भाषा

खारी पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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