(फाइल फोटो के साथ)
कोलकाता, दो मार्च (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को आरोप लगाया कि वामपंथी और उदारवादी हिंदुओं के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
शर्मा ने दावा किया कि मुसलमान या ईसाई कभी भी हिंदुओं के लिए खतरा नहीं हैं बल्कि हिंदुओं को कमजोर करने वाले लोग उनके अपने समाज में ही हैं।
उन्होंने यहां एक निजी संगठन के पुरस्कार समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मेरा मानना है कि वामपंथी और उदारवादी लोग हिंदुओं के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं।’’
शर्मा ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में हिंदुओं का कमजोर करने की प्रवृति (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी को वामपंथियों और उदारवादियों से विरासत में मिली है।’’
शर्मा ने कहा कि व्यक्ति को यह याद रखना चाहिए कि भारत की सभ्यता 5,000 वर्ष से अधिक पुरानी है और इसकी शुरुआत 1947 में देश की आजादी के साथ नहीं हुई।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत ‘‘स्वाभाविक रूप से एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र’’ है तथा किसी को भी इसे सहिष्णुता और भाईचारे के गुण सिखाने की जरूरत नहीं है।
इस संबोधन का वीडियो उन्होंने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर साझा किया।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर राहुल गांधी या ममता बनर्जी सोचती हैं कि हिंदुओं का अस्तित्व खत्म हो जाएगा, तो उन्हें पता होना चाहिए कि हिंदू हमेशा रहेंगे।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘असम में हिंदुओं का प्रतिशत घटकर 58 प्रतिशत रह गया है, जबकि पश्चिम बंगाल में हो सकता है कि यह समुदाय घटकर लगभग 65 प्रतिशत रह गया हो।’’
उन्होंने कहा कि हिंदू सभ्यता बनी रहेगी और फूलती-फलती रहेगी।
शर्मा ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते हुए भारत सभी क्षेत्रों में तरक्की कर रहा है।
उन्होंने कहा,‘‘राम मंदिर 500 साल बाद बना है…अब समय आ गया है कि (मौजूदा) वक्फ कानून को खत्म कर दिया जाए।’’
उन्होंने कहा कि तीन तलाक को पहले ही समाप्त कर दिया गया है और देश में समान नागरिक संहिता लागू होने के संकेत भी दिखने लगे हैं।
उन्होंने दावा किया कि मोदी के सत्ता में आने के बाद भारत का पुनरुत्थान शुरू हुआ, देश ने अर्थव्यवस्था, वित्त से लेकर विज्ञान तक सभी क्षेत्रों में प्रगति की।
शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद पाकिस्तान एक इस्लामिक गणराज्य बन गया, जबकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश बना रहा क्योंकि इसकी हजारों साल पुरानी सभ्यता हमेशा इसी तरह से रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘कई सभ्यताएं आईं और चली गईं, लेकिन हिंदू सभ्यता बरकरार रही।’’
भाषा राजकुमार रंजन
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