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Friday, 27 December, 2024
होमदेश'उससे बचने के लिए सभी ग्रुप में छोड़ते थे अपना कमरा'- बृज भूषण के खिलाफ FIR में क्या आरोप लगाया गया है

‘उससे बचने के लिए सभी ग्रुप में छोड़ते थे अपना कमरा’- बृज भूषण के खिलाफ FIR में क्या आरोप लगाया गया है

डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ दो एफआईआर में कथित तौर पर भारत और विदेशों में प्रतियोगिताओं के दौरान पहलवानों के प्रति उनके द्वारा किए गए यौन संबंधों को उजागर करती हैं. एक शिकायतकर्ता का दावा है कि वह 'कई दिनों तक न सो सकी और न ही कुछ खा सकी'.

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नई दिल्ली: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दायर दो प्राथमिकियों में 2012 और 2022 के बीच विदेशों में और भारत में कई चैंपियनशिप के दौरान कथित यौन उत्पीड़न, शारीरिक उत्पीड़न और डराने-धमकाने का खुलासा हुआ है.

28 अप्रैल की गई दो एफआईआर सात शिकायतकर्ताओं द्वारा की गई शिकायतों के आधार पर दर्ज की गईं, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है. नाबालिग ने आरोप लगाया गया है कि सिंह ने ट्रायल और चैंपियनशिप के लिए किये जाने वाले चयन के दौरान कथित भेदभाव किया.

दिप्रिंट ने के पास दोनों एफआईआर की एक एक प्रति मौजूद है.

पहली एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354A (यौन उत्पीड़न), 354D (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) के तहत दर्ज की गई है. प्राथमिकी में बृज भूषण और डब्ल्यूएफआई सचिव विनोद तोमर का नाम है.

प्राथमिकी में शिकायतकर्ताओं में से एक का कहना है कि “सभी महिला एथलीट जब भी अपने-अपने कमरे से निकलती थीं तो समूहों में निकलती ताकि अकेले उस आरोपी से मिलने से बचा जा सके”.

उनका कहना है कि एक अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में बृज भूषण द्वारा पहली बार उनका यौन उत्पीड़न किया गया था, जब उन्होंने कथित तौर पर उनकी टी-शर्ट उतारी और उनकी सांस की जांच के बहाने अपना हाथ उनके पेट के नीचे खिसका दिया.

उनका दावा है कि उस चैंपियनशिप के दौरान उन्हें चोट लग गई थी और भारत आने के बाद उन्हें फेडरेशन के ऑफिस में बुलाया गया था. बृज भूषण ने कथित तौर पर उससे कहा कि महासंघ उसके इलाज का खर्च वहन करने को तैयार है, बशर्ते वह उसके यौन संबंधों के लिए तैयार हो जाए. 

वह कहती हैं कि वह डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए गठित पैनल के सामने भी पेश हुईं और समिति के सदस्यों के साथ हुई बातचीत कैमरे के सामने हुई थी. हालांकि, उसने आरोप लगाया कि रिकॉर्डिंग डिवाइस को बार-बार बंद कर दिया गया, जिससे उसे विश्वास हो गया कि उसके बयान के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है.

शिकायत में उसने मांग की, “मैं चाहती हूं कि आरोपी को मेरे और कई अन्य महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के लिए दंडित किया जाए, जिनका वह अपनी शक्ति और स्थिति के कारण शोषण करता है. आरोपी को यौन उत्पीड़न और शोषण के कृत्यों को करने से रोकना आवश्यक है और मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आप उसके खिलाफ मामला दर्ज करें और उसे सलाखों के पीछे डालें.”

एक अन्य शिकायत, जो एफआईआर का एक हिस्सा है, में आरोप लगाया गया है कि बृज भूषण ने एक अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान उसे अनुचित तरीके से छुआ, और चैंपियनशिप के बाद जब वह नई दिल्ली में महासंघ कार्यालय गई तो उसके साथ “जबरदस्ती शारीरिक संपर्क बनाने की कोशिश की गई”.

शिकायत में कहा गया है, “यौन उत्पीड़न और पीछा करने की घटना ने मुझे आघात पहुंचाया है और आज भी मेरे दिमाग पर उसको लेकर एक स्पष्ट छाप है. आरोपी द्वारा किए गए अनुचित कृत्यों और यौन उत्पीड़न के कारण, मैं इतना आघात और मानसिक रूप से परेशान थी कि मेरे लिए दूसरी प्रतियोगिताओं पर ध्यान केंद्रित करना और अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता का प्रदर्शन करना मुश्किल था.”

प्रताड़ना के बारे में पीएमओ को बताया

शिकायतकर्ता देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों में 2012 से 2022 तक विभिन्न स्थानों पर यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने की घटनाओं को याद कर रही हैं.

एक अन्य पहलवान ने आरोप लगाया है कि एक अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान बृजभूषण ने होटल के रेस्तरां में खाने की मेज पर उसे छुआ. वह कहती है कि वह “आरोपी के कृत्यों से गहरे सदमे में थी. और वह अगले कुछ दिनों तक न तो ठीक से सो सकी और न ही ठीक से खा सकी.

भारत में एक लीग और फिर दो साल के दौरान दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के दौरान दिल्ली में महासंघ कार्यालय में कथित रूप से उन्हें फिर से अनुचित तरीके से छुआ गया था.


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शिकायतकर्ता का दावा है कि प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) में एक बैठक के दौरान, उसने “बार-बार होने वाले यौन, भावनात्मक, शारीरिक, शारीरिक आघात के बारे में बात की, जो मुझे और अन्य महिला पहलवानों के साथ आरोपी” ने किया था.

ईमेल और कॉल के जरिए दिप्रिंट पीएमओ तक पहुंचा, लेकिन इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक कोई जवाब नहीं मिला. अगर इस पर कोई जवाब मिलता है तो रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा. 

शिकायतकर्ताओं ने बृज भूषण के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए गठित निरीक्षण पैनल के कामकाज पर भी संदेह जताया है और इसके निष्कर्षों पर अविश्वास व्यक्त किया है.

प्राथमिकी में कई प्रावधान संज्ञेय, गैर-जमानती और “गंभीर” अपराध हैं, जिसके कारण बृज भूषण की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की जा रही है.

‘मेरे संपर्क में रहो’

WFI प्रमुख पर POCSO अधिनियम की धारा 10 के साथ-साथ IPC की धारा 354, 354A, 354D और 34 के तहत यौन उत्पीड़न, पीछा करने और आपराधिक धमकी के लिए एक और प्राथमिकी का भी सामना करना पड़ रहा है.

शिकायत नाबालिग पीड़िता के पिता ने की थी, जो 2016 में कुश्ती में शामिल हुई थी और वर्तमान में उसकी उम्र 17 साल है.

जब पहलवान ने भारत में एक चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, तो उसके पिता ने आरोप लगाया है कि सिंह, “तस्वीर लेने के बहाने, जबरदस्ती उसे अपनी ओर खींच लिया और उसे अपनी बाहों से इतनी कस कर पकड़ लिया कि वह हिल नहीं सकती थी या खुद को मुक्त नहीं कर सकती थी.” इसके बाद उसने कथित तौर पर “उसे अपनी ओर और अधिक जोड़ से खींचा और उसके कंधे पर जोर से दबाया. फिर जानबूझकर अपना हाथ उसके कंधे के नीचे खिसका दिया और उसके स्तनों पर हाथ फेरा”.

प्राथमिकी के अनुसार, बृजभूषण ने तब उससे कहा, ‘तू मेरे को सपोर्ट कर, मैं तेरे को सपोर्ट करुंगा, मेरे साथ टच में रहना’. हालांकि, उन्होंने यह कहते हुए पलटवार किया, ‘सर मैं अपने बलबूते यहां तक आई हूं, आगे भी मेहनत करके आगे तक जाउंगी.’

महासंघ प्रमुख ने कथित तौर पर उसे चेतावनी दी कि एशियाई चैंपियनशिप के लिए ट्रायल जल्द ही होने वाले हैं और चूंकि वह उसके साथ सहयोग नहीं कर रही थी, इसलिए उसे ट्रायल में नतीजे भुगतने होंगे.

शिकायतकर्ता का दावा है कि बृज भूषण ने उनकी बेटी को अपने कमरे में बुलाया और “उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संपर्क बनाने की कोशिश की.” उनका दावा है कि जब वह कमरे से बाहर निकलने में सफल रही, तो एशियाई चैंपियनशिप के लिए ट्रायल के दौरान उसके साथ बहुत भेदभाव किया गया, क्योंकि उसने “आरोपी के यौन उत्पीड़न का विरोध किया और उसकी अन्यायपूर्ण और अशोभनीय मांगों को मानने को तैयार नहीं थी”.

उनका दावा है कि बृजभूषण ने उनकी बेटी के प्रति “अकेले मिलना” (मुझे व्यक्तिगत रूप से देखें) जैसी टिप्पणी करना जारी रखा.

शिकायतकर्ता ने कहा, “मेरी बेटी 17 साल की एक युवा पहलवान है और अपने करियर की शुरुआत में है. वह आरोपी की तरह एक यौन शिकारी का सामना करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी और इस तरह शिकायत नहीं कर सकी या फेडरेशन के साथ इन मुद्दों को नहीं उठा सकी क्योंकि फेडरेशन पूरी तरह से आरोपी के नियंत्रण में है और उसके हुक्म के अनुसार काम करता है.” 

इसलिए, उनकी शिकायत के आधार पर यह कहते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई कि आईपीसी और POCSO प्रावधानों के तहत “प्रथम दृष्टया अपराध” बनता है.

(संपादन: अलमिना खातून)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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