तिरुवनंतपुरम, 19 अप्रैल (भाषा) केरल के तिरुवनंतपुरम में नियुक्ति आदेश की मांग को लेकर पिछले 18 दिनों से यहां सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहीं महिला सिविल पुलिस अधिकारी (डब्ल्यूसीपीओ) रैंक धारकों ने राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) परीक्षाओं की तैयारी करने वालों को सलाह दी है कि वे पहले विरोध करना सीख लें।
शनिवार को उनकी रैंक सूची की वैधता की अंतिम तिथि है।
दरअसल राज्य सरकार ने हाल में लगभग 45 रैंक धारकों को नियुक्ति आदेश दिए हैं, इनमें कुछ प्रदर्शन में शामिल हैं। लेकिन सैकड़ों उम्मीदवार अभी भी ऐसे हैं जिनके नाम सूची में हैं लेकिन उन्हें नियुक्तियां नहीं मिली हैं।
एक प्रदर्शनकारी ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘ हम पीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों से कहना चाहते हैं कि परीक्षा देने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि विरोध कैसे करना है, एकेजी केंद्र (माकपा पार्टी मुख्यालय) कहां स्थित है और किन अधिकारियों से आपको विनती करनी है।’’
डब्ल्यूसीपीओ के एक अन्य उम्मीदवार ने कहा कि वे केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की हाल की टिप्पणी से आहत हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि केवल योग्य लोगों की नियुक्ति के ही आदेश दिए जा सकते हैं।
उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘हमने लिखित परीक्षा और शारीरिक परीक्षा पास कर ली है, फिर भी मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हम पात्र नहीं हैं।’’
इस बीच, ‘केरल काउंसिल ऑफ चर्चेस’ विरोध प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों की मदद के लिए आगे आया है और उसने एक संबद्ध संगठन द्वारा कुछ स्टार्टअप में नौकरियों की पेशकश की है।
महिला सीपीओ रैंक धारकों का आरोप है कि सरकार जानबूझकर रैंक सूची की अनदेखी कर रही है क्योंकि 2022 में अस्तित्व में आने वाली सूची से केवल कुछ लोगों को ही नियुक्ति मिली है।
सूची में शामिल 967 उम्मीदवारों में से केवल 30 प्रतिशत को ही पीएससी से परामर्श ज्ञापन (सिफारिश पत्र) प्राप्त हुआ है, तथा अब तक केवल 213 को ही नियुक्ति दी गई है।
भाषा शोभना जोहेब
जोहेब
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