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Monday, 23 December, 2024
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कोरोनावायरस के इलाज में हाइड्रोक्लोरोक्वीन के उपयोग पर डेटा आने के बाद फैसला होगा: आईसीएमआर

अभी तक देश में कोविड- 19 के कुल 1637 मामले सामने आए हैं. मंगलवार से अभी तक 386 मामले सामने आए हैं. मामलों में काफ़ी बढ़ोतरी का कारण तबलीगी जमात के लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री है.

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नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई ताज़ा जानकारी के मुताबिक देश में अभी तक कोविड- 19 के कुल 1637 मामले हैं. मंगलवार से अभी तक 386 मामले सामने आए हैं. मामलों में काफ़ी बढ़ोतरी का कारण तबलीगी जमात के लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री भी है.

लॉकडाउन से त्रस्त देश और दुनिया भर के लोगों के ज़ेहन में सबसे बड़ा सवाल ये है कि इसकी दवा कब तक सामने आएगी. इसी से जुड़े एक सवाल के जवाब में इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रीसर्च (आईसीएमआर) के आर गंगा खेडकर ने कहा कि कोविड- 19 के मामले में हाइड्रो क्लोरोक्वीन का इस्तेमाल किया जा रहा है.


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उन्होंने कहा, ‘ये दवा इस बीमारी के इलाज में लगे चिकित्सकों और लगे कर्मियों और जिनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है उन्हें दी जा रही है. हालांकि, अभी इस पर कुछ पुख़्ता नहीं कहा जा सकता. आने वाले समय में जब इस पर डेटा होगा तब तय किया जाएगा कि आम लोगों ये इस्तेमाल करना है या नहीं.’

खेडकर ने ये जानकारी भी दी कि अभी तक कुल 47,951 टेस्ट किए गए हैं और फिलहाल टेस्टिंग की 38 प्रतिशत क्षमता का ही इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक आईसीएमआर के कुल 126 लैब्स हैं, वहीं 51 प्राइवेट लैब्स भी टेस्ट कर रहे हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय के लव अग्रवाल ने जानकारी दी कि जमात के 1800 लोगों को नौ हस्पतालों और क्वारेंटीन सेंटरों में भेजा गया है. उन्होंने ये भी कहा कि जमात की वजह से बढ़ी मरीज़ों की संख्या को राष्ट्रीय ट्रेंड नहीं माना जा सकता. उन्होंने कहा, ‘भारतीय रेल 3.2 लाख़ आइसोलेशन सेंटर और क्वारेंटीन बेड बना रहा है. इसके लिए 20,000 कोचों को मॉडिफाई किया जाना है जिनमें से 5000 पर काम शुरू हो गया है.’

उन्होंने जानकारी दी कि सिविल एविएशन ने लाइफ लाइन उड़ान शुरू की हैं जिनके द्वारा 15.4 सप्लाई को ट्रांसपोर्ट किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल से 24 दवाओं पर निगरानी रखी जाएगी. इन दवाओं की कीतम 10 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ाई जा सकेंगी.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पर्सनल प्रोटेक्टिव गियर (पीपीई) के मामले में  दिक्कत है. पहले ये इंपोर्ट हो रहा था और इसे बहार भी भेजा जा रहा था. हालांकि, उनका दावा है कि अब इसका एक्सपोर्ट बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘घरेलू स्तर पर भी इसे बनाया जा रहा है. जो पीपीई हमें मिले हैं वो राज्यों को भी भेजे जा रहे हैं.’

गृहमंत्रालय सह सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि लॉकडाउन सुचारु रूप से चल रहा है. उन्होंने कहा, ‘21,486 रिलीफ कैंप सेटअप हुए हैं जहां से 6,75,133 लोगों को दी गई है और 25 लाख लोगों को खाना दिया गया है.’

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