औरंगाबाद, 15 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में कहा कि प्रसिद्ध मराठी कवि और गीतकार दिवंगत नामदेव धोंडो महानोर का लेखन काफी हद तक किसानों एवं उनकी समस्याओं के इर्द-गिर्द केंद्रित रहा है । ना धो माहनोर के नाम से लोकप्रिय कवि-गीतकार एक किसान भी थे और महाराष्ट्र विधानपरिषद के सदस्य थे। उनका 81 साल की उम्र में पुणे के एक अस्पताल में तीन अगस्त को निधन हो गया था।
पवार ने कहा कि विधानपरिषद में महानोर द्वारा दिये गये भाषण उच्च सदन के सदस्यों के लिए मार्गदर्शक जैसे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार यहां महात्मा गांधी मिशन विश्वविद्यालय में यशवंतराव चव्हाण केंद्र (महानोर) द्वारा आयोजित शोकसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ ना धो मनोहर की साहित्यिक कृतियां, कविताएं और आलेख किसानों, उनके मुद्दों और फसलों के इर्द-गिर्द केंद्रित है। विधानपरिषद में सदस्य रहते हुए उन्होंने जो भाषण दिये थे , नये सदस्यों को उसे जरूर पढ़ना चाहिए।’’
अपने भाषण के दौरान पवार ने पद्म श्री से सम्मानित मनोहर से जुड़े एक प्रसंग का उल्लेख किया।
राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘‘ एक बार मैंने महानोर से अपने साथ अमेरिका आने को कहा था। सकारात्मक जवाब देते हुए महानोर ने एक शर्त रख दी — वह प्रथम दृष्टया अमेरिका में खेती देखना चाहते हैं। मनोहर वहां गये और उन्होंने खेती, उसकी अर्थव्यवस्था का अध्ययन किया। साथ ही, मुझे उन्हें (अमेरिका यात्रा के लिए) वेशभूषा बदलने के लिए राजी करना पड़ा। बार बार कहने के बाद उन्होंने दर्जी को बुलाया और उनसे यात्रा के लिए कुछ पैंट और कमीज सिलवाये। ’’
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि बतौर किसान महानोर जल संरक्षण उपायों के प्रवर्तक थे।
भाषा
राजकुमार माधवमाधव
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