scorecardresearch
Wednesday, 25 December, 2024
होमदेशलता मंगेशकर की अंतिम यात्रा : नम आंखों से प्रशंसकों ने दी विदाई, ‘अमर रहें’ के नारे लगाए

लता मंगेशकर की अंतिम यात्रा : नम आंखों से प्रशंसकों ने दी विदाई, ‘अमर रहें’ के नारे लगाए

Text Size:

(जस्टिन राव)

मुंबई, छह फरवरी (भाषा) लता मंगेशकर को दक्षिण मुंबई में उनके आवास से शिवाजी पार्क के लिए अंतिम विदाई के समय सुर साम्राज्ञी की आखिरी झलक पाने के लिए बेताब प्रशंसकों की भीड़ घंटों इंतजार करती दिखी। इस दौरान लोगों ने सुर कोकिला के गीतों को गाकर, नारे लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

सैकड़ों की तादाद में प्रशंसक, युवा और बुजुर्ग महान कलाकार को अंतिम सम्मान देने के लिए मंगेशकर के निवास प्रभु कुंज में उमड़े, जिनकी मृत्यु कोविड-19 के बाद जटिलताओं के चलते रविवार को हुई। उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। यातायात और मुंबई पुलिस के कर्मियों की बड़ी संख्या में तैनाती की गई थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके आवास के पास व्यस्त पेड्डार रोड अवरुद्ध नहीं हो। गायिका को नम आंखों से विदाई देने के लिए मुंबई में दोपहर से ही सड़कों के किनारे प्रशंसक एकत्र होना शुरू हो गए थे।

उनके आवास के सामने की गली ‘‘जब तक सूरज चंद रहेगा, लता दीदी का नाम रहेगा’’ और ‘‘लता दीदी अमर रहे’’ के नारों से गूंज उठी। सविता शाह (60) ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘आज सुबह जब मैं उठी तो मुझे बुरे खयाल आने लगे। मैंने तुरंत उनके ठीक होने के लिए प्रार्थना करना शुरू कर दिया। मैं उनके निधन की खबर सुनकर टूट गई। (लता) दीदी ने मेरे जीवन को ही नहीं करोड़ों लोगों के जीवन को आकार दिया है।’’ शाह सुबह-सुबह मंगेशकर के आवास के बाहर गुलदाउदी का गुलदस्ता लेकर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचीं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सिर्फ उनके पैर छूना चाहती थी। अगर यह संभव नहीं हुआ, तो मैं इन फूलों को उनके भवन के प्रवेश द्वार पर रख दूंगी। उन्हें यह गुलदस्ता भेंट करना चाहती हूं।’’ शाह अकेली नहीं थीं, क्योंकि शहर के विभिन्न हिस्सों से मंगेशकर के कई प्रशंसक घंटों सड़क पर खड़े रहे, कुछ तो अपार्टमेंट के करीब जाने से मना करने पर पुलिसकर्मियों से भी भिड़ भी गए।

पुलिस ने वहां बड़ी संख्या में मौजूद मीडियाकर्मियों के लिए एक विशेष अवरोधक लगाया गया था, लेकिन प्रशंसक उनकी ‘‘बेहतर झलक’’ पाने के लिए लिए मीडिया क्षेत्र में प्रवेश कर रहे थे। कुछ लोग पेड़ों पर चढ़ गए, जबकि कुछ लोग बृहन्मुंबई महानगरपालिक (बीएमसी) द्वारा उनके निवास के सामने की दीवार पर लगाए गए विशाल कूड़ेदान पर चढ़ गए। आस-पास की इमारतों की हर बालकनी या खिड़की से प्रशंसक झांक रहे थे।

मंगेशकर के पार्थिव शरीर को उनके आवास से शिवाजी पार्क श्मशान में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय सैन्य अधिकारी उनके आवास के बाहर खड़े थे। ताबूत को राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा गया और ट्रक पर रखा गया। मंगेशकर के भाई-बहन मीना, आशा, उषा और हृदयनाथ अन्य रिश्तेदारों के साथ खुले ट्रक में सवार हो गए। जैसे ही वाहन आगे बढ़ा, लोगों ने ‘‘लता दीदी अमर रहे’’ के नारे लगाए और उन पर पुष्प वर्षा की।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments