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रविवार, 8 जून, 2025
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मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे का अंतिम खंड यातायात के लिए खोला गया

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मुंबई, पांच जून (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को समृद्धि महामार्ग के बचे हुए 76 किलोमीटर लंबे हिस्से का उद्घाटन किया और इसके साथ ही 701 किमी लंबा मुंबई-नागपुर गलियारा पूरी तरह चालू हो गया और दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय लगभग 18 घंटे से घटकर आठ घंटे रह गया।

छह लेन वाले इस एक्सप्रेसवे को आधिकारिक तौर पर ‘हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग’ कहा जाता है।

महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल (एमएसआरडीसी) के अनुसार, नासिक जिले के इगतपुरी से ठाणे जिले के भिवंडी तालुका के अमाने के बीच अंतिम खंड का उद्घाटन किया गया।

फडणवीस के अलावा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री दादा भुसे, शिवेंद्रराजे भोसले और नरहरि जिरवाल मुंबई से लगभग 140 किलोमीटर दूर इगतपुरी में अपराह्न करीब 1.45 बजे आयोजित उद्घाटन समारोह में शामिल हुए।

उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने एक्सप्रेसवे की सबसे लंबी इगतपुरी सुरंग और पुल का भी निरीक्षण किया।

एक्सप्रेसवे का निरीक्षण करने के लिए उपमुख्यमंत्री शिंदे एक कार में सवार हुए, जिसमें मुख्यमंत्री फडणवीस आगे की सीट पर उनके बगल में और पवार पीछे की सीट पर बैठे थे। निरीक्षण करीब 45 मिनट तक चला, जिसमें इगतपुरी और अमाने के बीच की यात्रा का समय भी शामिल है।

लौटते समय फडणवीस और शिंदे ने अपनी-अपनी सीट बदल ली और मुख्यमंत्री ने वाहन चलाया।

एमएसआरडीसी ने कहा कि नासिक जिले के इगतपुरी और ठाणे जिले (मुंबई महानगर क्षेत्र का हिस्सा) के अमाने के बीच समृद्धि महामार्ग का 76 किलोमीटर लंबा हिस्सा यातायात के लिए खुल जाने पर दोनों शहरों के बीच की यात्रा मात्र आठ घंटे में पूरी की जा सकेगी।

एमएसआरडीसी ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘पहले पुराने मार्ग से नागपुर से मुंबई की यात्रा में 17 से 18 घंटे लगते थे। इस नये एक्सप्रेसवे के साथ, यह दूरी (नागपुर और ठाणे जिले के अमाने के बीच) आठ घंटे में तय की जा सकेगी।’’

अब तक एक्सप्रेसवे का 625 किलोमीटर हिस्सा यातायात के लिए खोला गया है और करीब दो करोड़ वाहन इसका इस्तेमाल कर चुके हैं।

एमएसआरडीसी ने कहा कि अंतिम खंड के यातायात के लिए खुलने के बाद, ठाणे-मुंबई क्षेत्र से अहिल्यानगर जिले के शिरडी शहर की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को कहीं अधिक सुगम यात्रा वाले मार्ग का लाभ मिलेगा।

एमएसआरडीसी के अनुसार, इसके अतिरिक्त शिरडी, अहिल्यानगर, सिन्नर और इगतपुरी (नासिक जिले में) के किसान अपनी कृषि उपज को कम समय में मुंबई महानगर क्षेत्र ले जा सकेंगे।

लगभग 55,000 करोड़ रुपये की लागत से बना यह एक्सप्रेसवे भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक है और 10 जिलों – नागपुर, वर्धा, अमरावती, वाशिम, बुलढाणा, जालना, छत्रपति संभाजीनगर, अहिल्यानगर, नासिक और ठाणे से होकर गुजरता है।

भाषा सुभाष नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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